अब कहाँ  रातों को सोते हैं तुझे याद कर खूब रोते हैं वो क्या समझेंगे मसला खानाबदोशों का जिन के कई आशियाने होते हैं। - Aashiyana Shayari

अब कहाँ रातों को सोते हैं तुझे याद कर खूब रोते हैं वो क्या समझेंगे मसला खानाबदोशों का जिन के कई आशियाने होते हैं।

Aashiyana Shayari