मुझे तन चाहिए, ना धन चाहिए, बस अमन से भरा यह वतन चाहिए, जब तक जिंदा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए, और जब मरूं तो तिरंगा ही कफन चाहिए।

मुझे तन चाहिए, ना धन चाहिए, बस अमन से भरा यह वतन चाहिए, जब तक जिंदा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए, और जब मरूं तो तिरंगा ही कफन चाहिए।

bhagat singh jayanti Status

May the spirit of truth and non-violence be with us this Gandhi Jayanti.

May the spirit of truth and non-violence be with us this Gandhi Jayanti.

G = Great   A = Amazing N = Nationalist D = Daring H = Honest I = Indian Happy Birthday, Father of the Nation!

G = Great A = Amazing N = Nationalist D = Daring H = Honest I = Indian Happy Birthday, Father of the Nation!

आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे, बची हो जो एक बूंद भी लहू की तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।

आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे, बची हो जो एक बूंद भी लहू की तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।

इतनी सी बात हवाओ को बताए रखना रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाए रखना।

इतनी सी बात हवाओ को बताए रखना रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाए रखना।

चलो फिर से आज वो नजारा याद कर ले शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर ले जिसमे बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे देशभक्तों के खून की वो धरा याद कर ले।

चलो फिर से आज वो नजारा याद कर ले शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर ले जिसमे बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे देशभक्तों के खून की वो धरा याद कर ले।

लिख रहा हूं मै अजांम जिसका कल आगाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा।

लिख रहा हूं मै अजांम जिसका कल आगाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा।

ज़िन्दगी तो अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।

ज़िन्दगी तो अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।

नौजवान जब उठते हैं तो निजाम बदल जाते हैं, भगतसिंह तो आज भी पैदा होते हैं बस नाम बदल जाते हैं।

नौजवान जब उठते हैं तो निजाम बदल जाते हैं, भगतसिंह तो आज भी पैदा होते हैं बस नाम बदल जाते हैं।

इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से अगर में इश्क लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है।

इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से अगर में इश्क लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है।

इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना, रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना, लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने, ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना।

इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना, रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना, लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने, ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना।

राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आजाद है।

राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आजाद है।

खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों, तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है।

खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों, तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है।

भारत माता के सच्चे सपूत जननायक शहीद आजाद भगत सिंह जी की जयंती पर शत-शत नमन

भारत माता के सच्चे सपूत जननायक शहीद आजाद भगत सिंह जी की जयंती पर शत-शत नमन

सीनें में जुनूं, आंखों में देशभक्ति की चमक रखता हूं, दुश्मन की सांसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हूं।

सीनें में जुनूं, आंखों में देशभक्ति की चमक रखता हूं, दुश्मन की सांसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हूं।

हम न केवल अपने लिए बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास करते हैं।

हम न केवल अपने लिए बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास करते हैं।

यदि कोई एक व्यक्ति को भी ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा.

यदि कोई एक व्यक्ति को भी ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा.

भारत माता के सच्चे सपूत पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।

भारत माता के सच्चे सपूत पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।

सच्चा लोकतंत्र या स्वराज कभी भी असत्य और हिंसक साधनों से नहीं आ सकते हैं।

सच्चा लोकतंत्र या स्वराज कभी भी असत्य और हिंसक साधनों से नहीं आ सकते हैं।