अन्याय और अधर्म आदि का विनाश करना पूरी मानव जाति का कर्तव्य है।

अन्याय और अधर्म आदि का विनाश करना पूरी मानव जाति का कर्तव्य है।

Maharana Pratap

तब तक परिश्रम करते रहो जब तक तुम्हें तुम्हारी मंजिल ना मिल जाए।

तब तक परिश्रम करते रहो जब तक तुम्हें तुम्हारी मंजिल ना मिल जाए।

शत्रु सफल और शौर्यवान व्यक्ति के ही होते है।

शत्रु सफल और शौर्यवान व्यक्ति के ही होते है।

कष्ट, विपत्ति और संकट ये जीवन को मजबूत और अनुभवी बनाते हैं।

कष्ट, विपत्ति और संकट ये जीवन को मजबूत और अनुभवी बनाते हैं।

मनुष्य अपने कठिन परिश्रम और कष्टों से ही अपने नाम को अमर कर सकता है।

मनुष्य अपने कठिन परिश्रम और कष्टों से ही अपने नाम को अमर कर सकता है।

अपने और अपने परिवार के अलावा जो अपने राष्ट्र के बारे में सोचें वही सच्चा नागरिक होता है।

अपने और अपने परिवार के अलावा जो अपने राष्ट्र के बारे में सोचें वही सच्चा नागरिक होता है।

जो सुख में अति प्रसन्न और विपत्ति में डर के झुक जाते हैं उन्हें ना सफलता मिलती है ना कोई इतिहास में जगह देता है।

जो सुख में अति प्रसन्न और विपत्ति में डर के झुक जाते हैं उन्हें ना सफलता मिलती है ना कोई इतिहास में जगह देता है।

अपने अच्छे समय में अपने कर्म को इतना विश्वास पात्र बना लो कि बुरा वक्त आने पर वो उसे भी अच्छा बना दे।

अपने अच्छे समय में अपने कर्म को इतना विश्वास पात्र बना लो कि बुरा वक्त आने पर वो उसे भी अच्छा बना दे।

यह संसार कर्मवीरों की ही सुनता है इसीलिए अपने कर्म के मार्ग पर अडिग और प्रशस्त रहें।

यह संसार कर्मवीरों की ही सुनता है इसीलिए अपने कर्म के मार्ग पर अडिग और प्रशस्त रहें।

मातृभूमि और अपनी माँ में तुलना करना और अंतर समझना मूर्खों का काम है।

मातृभूमि और अपनी माँ में तुलना करना और अंतर समझना मूर्खों का काम है।

सम्मानहीन मनुष्य एक मृत व्यक्ति के समान होता है।

सम्मानहीन मनुष्य एक मृत व्यक्ति के समान होता है।

समय एक ताकतवर और साहसी को ही अपनी विरासत देता है।

समय एक ताकतवर और साहसी को ही अपनी विरासत देता है।