सच कहूँ तो मैं कभी ‘आइकन’, ‘सुपरस्टार’, इत्यादि विश्लेषणों के चक्कर में नहीं पड़ा. मैं हमेशा खुद को एक अभिनेता के रूप में देखता हूँ जो अपनी काबीलियत के अनुसार जितना अच्छा कर सकता है कर रहा है।
ये कभी मत सोचना की जो तेज बोलते हैं वे शक्तिशाली ही हो और जो धीमे बोलते हैं वे कमजोर हो।
मैं किसी तकनीकी का प्रयोग नहीं करता मैं अभिनय करने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया में बस फिल्मों में काम करना पसंद करता हूं।
हर किसी को स्वीकार करना चाहिए कि हमारी उम्र बढ़ेगी और उम्र का बढ़ना हमेशा प्रशंसापूर्ण नहीं होता।
असल में मैं बस एक अभिनेता हूं जो अपने काम से प्यार करता है और उम्र के बारे में ये सब बातें केवल मीडिया में पनपती है।
यदि आप अपनी नजरें सूर्य पर रखेंगे तो आपको परिछाई कभी भी नही दिखेगी।
अच्छे बनने के लिए कोई वजह मत ढूंढो, आप बेवजह भी अच्छे बन सकते है।
अगर मोहब्बत नहीं होगी तो नफरत का आना स्वाभाविक है।
मैं कभी एक सुपरस्टार नहीं रहा और कभी इसमें यकीन नहीं किया।
मैं कभी भी अपने करियर को लेकर आश्वस्त नहीं होता।
मैं कभी महान बनने की कोशिश नहीं करता, बस मैं काम को पूरी मेहनत और लगन के साथ करता हूँ।
शब्द मेरी पहचान बने तो बेहतर है , चेहरे का क्या है, वो तो मेरे साथ ही चला जाएगा।
मुझे कभी-कभी इस तथ्य से दुख होता है कि मेरे पास एक पूर्ण और निरोग शरीर नहीं है।
जो तुझ से लिपटी बेड़ियां समझना इन्हें को वस्र तू, ये बेड़ियां पिघाल के बना ले इनको शस्र तू
तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है।