नहीं होती है उनको बीमारी, जो योग करने की करते समझदारी !

नहीं होती है उनको बीमारी, जो योग करने की करते समझदारी !

B.K.S. Iyengar

सत्य मायने नहीं रखता, जीत मायने रखती है।

सत्य मायने नहीं रखता, जीत मायने रखती है।

योग यौवन का फव्वारा है। आप उतने ही नौजवान हैं जितनी आपके रीढ़ की हड्डी लचीली है।

योग यौवन का फव्वारा है। आप उतने ही नौजवान हैं जितनी आपके रीढ़ की हड्डी लचीली है।

मेरे लिए, योग सिर्फ एक कसरत नहीं है.  यह अपने आप पर काम करने के बारे में है।

मेरे लिए, योग सिर्फ एक कसरत नहीं है. यह अपने आप पर काम करने के बारे में है।

योग स्वीकार करता है। योग प्रदान करता है।

योग स्वीकार करता है। योग प्रदान करता है।

योग को दृढ संकल्प और अटलता के साथ बिना किसी मानसिक संदेह या संशय के साथ किया जाना चाहिए।

योग को दृढ संकल्प और अटलता के साथ बिना किसी मानसिक संदेह या संशय के साथ किया जाना चाहिए।

एलर्जी को रोकने के लिए ऊर्जा उत्पन्न करें।

एलर्जी को रोकने के लिए ऊर्जा उत्पन्न करें।

योग आपके मन को शांत करने का एक प्राचीन तरीका है।

योग आपके मन को शांत करने का एक प्राचीन तरीका है।

योग सिर्फ आत्म सुधार के बारे में नहीं बतलाता है, बल्कि यह आत्म स्वीकृति के बारे में सिखाता है !

योग सिर्फ आत्म सुधार के बारे में नहीं बतलाता है, बल्कि यह आत्म स्वीकृति के बारे में सिखाता है !

योग के बारे में यह कभी भी मत सोचिये की योग से क्या मिल सकता है बल्कि योग के द्वारा हम क्या नही प्राप्त कर सकते है !

योग के बारे में यह कभी भी मत सोचिये की योग से क्या मिल सकता है बल्कि योग के द्वारा हम क्या नही प्राप्त कर सकते है !

योग एक अनुशासन है. यह चित्त और वृतियों का निरोध है.

योग एक अनुशासन है. यह चित्त और वृतियों का निरोध है.

मेरे लिए, योग सिर्फ एक कसरत नहीं है, यह अपने आप पर काम करने के बारे में है।

मेरे लिए, योग सिर्फ एक कसरत नहीं है, यह अपने आप पर काम करने के बारे में है।

योग–योग का नारा है, भविष्य अब हमारा है।

योग–योग का नारा है, भविष्य अब हमारा है।

सभी बीमारियों का उपचार योग और स्वस्थ जीवन शैली में निहित है।

सभी बीमारियों का उपचार योग और स्वस्थ जीवन शैली में निहित है।

जिन पर है बिमारियों का घेरा, उनके साथ है योग का सहारा।

जिन पर है बिमारियों का घेरा, उनके साथ है योग का सहारा।

योग सिर्फ कसरत ही नहीं है बल्कि यह खुद अपने आप पर काम करता है।

योग सिर्फ कसरत ही नहीं है बल्कि यह खुद अपने आप पर काम करता है।

योग हमे खुशी, शांति और पूर्ति की एक स्थायी भावना प्रदान करता है।

योग हमे खुशी, शांति और पूर्ति की एक स्थायी भावना प्रदान करता है।

योग के आठ अंग हैं - यम, नियम, आसन, प्राणायम प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि.

योग के आठ अंग हैं - यम, नियम, आसन, प्राणायम प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि.

योग का नियमित अभ्यास कराये, जीवन को खुशहाल और स्वस्थ बनाये।

योग का नियमित अभ्यास कराये, जीवन को खुशहाल और स्वस्थ बनाये।