सच्ची एकाग्रता जागरूकता का एक अटूट धागा है।

सच्ची एकाग्रता जागरूकता का एक अटूट धागा है।

B.K.S. Iyengar

सारे खेल बेमतलब हैं अगर आपको नियम ना पता हों।

सारे खेल बेमतलब हैं अगर आपको नियम ना पता हों।

शरीर धनुष है, आसन तीर, और आत्मा लक्ष्य।

शरीर धनुष है, आसन तीर, और आत्मा लक्ष्य।

क्रिया बुद्धि के साथ गति है।

क्रिया बुद्धि के साथ गति है।

स्वास्थ्य; शरीर, मन और आत्मा के पूर्ण सद्भाव की स्थिति है।

स्वास्थ्य; शरीर, मन और आत्मा के पूर्ण सद्भाव की स्थिति है।

आपका शरीर आत्मा की संतान है। आपको उस संतान का पोषण करना और उसे प्रशिक्षित करना चाहिए।

आपका शरीर आत्मा की संतान है। आपको उस संतान का पोषण करना और उसे प्रशिक्षित करना चाहिए।

योग एक माध्यम है और एक अंत भी।

योग एक माध्यम है और एक अंत भी।

शरीर की लय, मन का स्वर और आत्मा का सद्भाव जीवन के संगीत का निर्माण करते हैं।

शरीर की लय, मन का स्वर और आत्मा का सद्भाव जीवन के संगीत का निर्माण करते हैं।

योग आपको जीवन में पुनः पूर्णता की भावना खोजने की अनुमति देता है।

योग आपको जीवन में पुनः पूर्णता की भावना खोजने की अनुमति देता है।

शिक्षण की कला सहिष्णुता है। नम्रता सीखने की कला है।

शिक्षण की कला सहिष्णुता है। नम्रता सीखने की कला है।

आत्मविश्वास, स्पष्टता और करुणा एक शिक्षक के आवश्यक गुण हैं।

आत्मविश्वास, स्पष्टता और करुणा एक शिक्षक के आवश्यक गुण हैं।

श्वासें मन की शासक हैं।

श्वासें मन की शासक हैं।

सिर बुद्धि की गद्दी है, ह्रदय भावना की गद्दी है।

सिर बुद्धि की गद्दी है, ह्रदय भावना की गद्दी है।

हर रोग को अब तोडना है, योग से नाता जोड़ना है।

हर रोग को अब तोडना है, योग से नाता जोड़ना है।

योग एक तरह से लगभग संगीत जैसा है; इसका कोई अंत नहीं है।

योग एक तरह से लगभग संगीत जैसा है; इसका कोई अंत नहीं है।

योग 99% अभ्यास और 1% सिद्धांत है।

योग 99% अभ्यास और 1% सिद्धांत है।

कर्म योग वास्तव में एक सर्वोच्च रहस्य है।

कर्म योग वास्तव में एक सर्वोच्च रहस्य है।

योग मन को स्थिर करने की क्रिया है।

योग मन को स्थिर करने की क्रिया है।

हार मन की एक सोच है, इंसान तब तक नहीं हारता है जब तक वह हार को सच  मानकर स्वीकार न कर ले!

हार मन की एक सोच है, इंसान तब तक नहीं हारता है जब तक वह हार को सच मानकर स्वीकार न कर ले!