हार मन की एक सोच है, इंसान तब तक नहीं हारता है जब तक वह हार को सच  मानकर स्वीकार न कर ले!

हार मन की एक सोच है, इंसान तब तक नहीं हारता है जब तक वह हार को सच मानकर स्वीकार न कर ले!

Bruce Lee

सच्ची एकाग्रता जागरूकता का एक अटूट धागा है।

सच्ची एकाग्रता जागरूकता का एक अटूट धागा है।

आत्मविश्वास, स्पष्टता और करुणा एक शिक्षक के आवश्यक गुण हैं।

आत्मविश्वास, स्पष्टता और करुणा एक शिक्षक के आवश्यक गुण हैं।

श्वासें मन की शासक हैं।

श्वासें मन की शासक हैं।

सिर बुद्धि की गद्दी है, ह्रदय भावना की गद्दी है।

सिर बुद्धि की गद्दी है, ह्रदय भावना की गद्दी है।

हर रोग को अब तोडना है, योग से नाता जोड़ना है।

हर रोग को अब तोडना है, योग से नाता जोड़ना है।

योग एक तरह से लगभग संगीत जैसा है; इसका कोई अंत नहीं है।

योग एक तरह से लगभग संगीत जैसा है; इसका कोई अंत नहीं है।

योग 99% अभ्यास और 1% सिद्धांत है।

योग 99% अभ्यास और 1% सिद्धांत है।

कर्म योग वास्तव में एक सर्वोच्च रहस्य है।

कर्म योग वास्तव में एक सर्वोच्च रहस्य है।

योग मन को स्थिर करने की क्रिया है।

योग मन को स्थिर करने की क्रिया है।

लक्ष्य का यह मतलब नहीं होता, की कही न कही पहुचना है, लक्ष्य का  मतलब किसी उद्देश्य के लिए आगे बढना होता हैं!

लक्ष्य का यह मतलब नहीं होता, की कही न कही पहुचना है, लक्ष्य का मतलब किसी उद्देश्य के लिए आगे बढना होता हैं!

मैं इस संसार में  आपकी सभी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए नहीं हूँ, और ना ही आप इस संसार में मेरी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हैं !

मैं इस संसार में आपकी सभी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए नहीं हूँ, और ना ही आप इस संसार में मेरी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हैं !

दूसरों की आलोचना करना और उनकी भावनाओं को ठेस पहुँचाना,  बहुत ही आसान है,  लेकिन खुद को जानना, पूरी ज़िन्दगी ले लेता है !

दूसरों की आलोचना करना और उनकी भावनाओं को ठेस पहुँचाना, बहुत ही आसान है, लेकिन खुद को जानना, पूरी ज़िन्दगी ले लेता है !

मैं कुछ भी किसी को सिखा  नहीं सकता, लेकिन खुद को ढूंढने में मदद जरुर कर सकता हूँ !

मैं कुछ भी किसी को सिखा नहीं सकता, लेकिन खुद को ढूंढने में मदद जरुर कर सकता हूँ !

किसी भी चीज का अधिकार मन में ही शुरू होता है !

किसी भी चीज का अधिकार मन में ही शुरू होता है !

सफल योद्धा सिर्फ एक औसत आदमी है,  जिसके पास लेज़र जैसा फोकस है...

सफल योद्धा सिर्फ एक औसत आदमी है, जिसके पास लेज़र जैसा फोकस है...

मुर्ख अच्छे तर्कों से कभी नहीं सीख सकता, जो समझदार आदमी मुर्ख के तर्कों से सीख सकता है...

मुर्ख अच्छे तर्कों से कभी नहीं सीख सकता, जो समझदार आदमी मुर्ख के तर्कों से सीख सकता है...

 कर्म सही या गलत नहीं होता है, लेकिन जब कर्म आंशिक, अधूरा रहता है, तब सही या गलत की बात  सामने आती है!

कर्म सही या गलत नहीं होता है, लेकिन जब कर्म आंशिक, अधूरा रहता है, तब सही या गलत की बात सामने आती है!

अतिरिक्त प्रयास करने का अपनी दैनिक आदत का हिस्सा बना लें!

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