योग एक तरह से लगभग संगीत जैसा है; इसका कोई अंत नहीं है।
योग 99% अभ्यास और 1% सिद्धांत है।
कर्म योग वास्तव में एक सर्वोच्च रहस्य है।
योग मन को स्थिर करने की क्रिया है।
हार मन की एक सोच है, इंसान तब तक नहीं हारता है जब तक वह हार को सच मानकर स्वीकार न कर ले!
लक्ष्य का यह मतलब नहीं होता, की कही न कही पहुचना है, लक्ष्य का मतलब किसी उद्देश्य के लिए आगे बढना होता हैं!
दूसरों की आलोचना करना और उनकी भावनाओं को ठेस पहुँचाना, बहुत ही आसान है, लेकिन खुद को जानना, पूरी ज़िन्दगी ले लेता है !
मैं कुछ भी किसी को सिखा नहीं सकता, लेकिन खुद को ढूंढने में मदद जरुर कर सकता हूँ !
किसी भी चीज का अधिकार मन में ही शुरू होता है !
सफल योद्धा सिर्फ एक औसत आदमी है, जिसके पास लेज़र जैसा फोकस है...
मुर्ख अच्छे तर्कों से कभी नहीं सीख सकता, जो समझदार आदमी मुर्ख के तर्कों से सीख सकता है...
कर्म सही या गलत नहीं होता है, लेकिन जब कर्म आंशिक, अधूरा रहता है, तब सही या गलत की बात सामने आती है!
अतिरिक्त प्रयास करने का अपनी दैनिक आदत का हिस्सा बना लें!
मैं उस इंसान से कभी नहीं डरता जिसने 10000 किक्स का अभ्यास सिर्फ एक बार की हो, लेकिन मैं उस इंसान से जरुर डरता हूँ, जिसने एक किक का अभ्यास 10000 बार की हो।
अगर किसी चीज के बारे में आप सोचने में बहुत अधिक समय लगाते हैं, तो आप जान लीजिये उसे कभी भी नहीं कर पाएंगे।