जब आप किसी प्रशंसनीय व्यक्ति को देखे तब आप उससे भी अच्छा बनने की चेष्टा करे। लेकिन जब आप अप्रशंसनीय व्यक्ति को देखे, तब स्वयं के अंदर झांककर आत्मनिरीक्षण करे।
नफरत करना आसान है, प्रेम करना मुश्किल. चीजें इसी तरह काम करती हैं। सारी अच्छी चीजों को पाना मुश्किल होता है, और बुरी चीजें बहुत आसानी से मिल जाती हैं।
वह व्यक्ति जो सीखता है, पर सोचता नहीं वह सीखकर भी खो देगा। वही वह व्यक्ति जो सोचता है, लेकिन सीखता नहीं वह बहुत भारी खतरे में पड़ने वाला होता है।
जीतने की संकल्प शक्ति, सफल होने की इच्छा और अपने अंदर मौजूद क्षमताओं के उच्चतम् स्तर तक पहुंचने की तीव्र अभिलाषा, ये ऐसी चाबियां हैं जो व्यक्तिगत उत्कृष्टता के बंद दरवाजे खोल देती है।
अच्छी तरह से शासित देश में, गरीबी के लिए शर्मिंदा होना पड़ता है। बुरी तरह से शासित देश में, संपत्ति के लिए शर्मिंदा होना पड़ता है।
जब हम अपने से विपरीत स्वभाव वाले व्यक्ति को देखे, तब हमें अपने अंदर झांककर उसकी धारणा पर विचार करना चाहिए।
जब तुम्हारे खुद के दरवाजे की सीढियाँ गन्दी हों, तो पडोसी की छत पे पड़ी गन्दगी को देखना बंद कीजिये।
उस काम का चुनाव करे, जिसे करने में आनंद आता हो। फिर आपको जिंदगी भर एक भी काम नहीं करना पड़ेगा।
व्यक्ति जितना अधिक अच्छे विचारों पर चिंतन-मनन करेगा, उसकी दुनिया उतनी ही बेहतर एवं व्यापक होगी।
जब यह स्पष्ट हो कि लक्ष्य तक पहुंचा नहीं जा सकता, तब लक्ष्य न बदले। तब लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपनाए गए तरीकों में बदलाव लाए।
वह जो स्वयं पर विजय प्राप्त करते हैं। वह सबसे बड़े पराक्रमी योद्धा है।
एक सज्जन अपने कर्मों का अपने शब्दों से मेल नहीं होने पर शर्मिंदा होगा।
यह बात कोई मायने नहीं रखती की आप कितना धीमे चल रहे हैं, जब तक की आप रुकें नहीं।
प्रतिशोध-रथ पर सवार हो तो, यात्रा प्रारम्भ करने से पहले दो कब्र खोदिये।
धैर्य से बड़ी से बड़ी कठिनाईयों से बाहर निकला जा सकता है।
तुम बिना कुछ सीखे एक किताब नहीं खोल सकते।
किसी कमी के साथ एक हीरा बिना किसी कमी के पत्थर से बेहतर है।
बिना किसी आदर-भावना के अहसास के, हम इंसान को जानवरों से कैसे अलग कर सकते हैं?