जब हम अपने से विपरीत स्वभाव वाले व्यक्ति को देखे, तब हमें अपने अंदर झांककर उसकी धारणा पर विचार करना चाहिए।
जब तुम्हारे खुद के दरवाजे की सीढियाँ गन्दी हों, तो पडोसी की छत पे पड़ी गन्दगी को देखना बंद कीजिये।
उस काम का चुनाव करे, जिसे करने में आनंद आता हो। फिर आपको जिंदगी भर एक भी काम नहीं करना पड़ेगा।
व्यक्ति जितना अधिक अच्छे विचारों पर चिंतन-मनन करेगा, उसकी दुनिया उतनी ही बेहतर एवं व्यापक होगी।
जब यह स्पष्ट हो कि लक्ष्य तक पहुंचा नहीं जा सकता, तब लक्ष्य न बदले। तब लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपनाए गए तरीकों में बदलाव लाए।
जब आप किसी प्रशंसनीय व्यक्ति को देखे तब आप उससे भी अच्छा बनने की चेष्टा करे। लेकिन जब आप अप्रशंसनीय व्यक्ति को देखे, तब स्वयं के अंदर झांककर आत्मनिरीक्षण करे।
वह जो स्वयं पर विजय प्राप्त करते हैं। वह सबसे बड़े पराक्रमी योद्धा है।
एक सज्जन अपने कर्मों का अपने शब्दों से मेल नहीं होने पर शर्मिंदा होगा।
यह बात कोई मायने नहीं रखती की आप कितना धीमे चल रहे हैं, जब तक की आप रुकें नहीं।
धैर्य से बड़ी से बड़ी कठिनाईयों से बाहर निकला जा सकता है।
तुम बिना कुछ सीखे एक किताब नहीं खोल सकते।
किसी कमी के साथ एक हीरा बिना किसी कमी के पत्थर से बेहतर है।
बिना किसी आदर-भावना के अहसास के, हम इंसान को जानवरों से कैसे अलग कर सकते हैं?
जब भी क्रोध बढ़े, उसके परिणामों के बारे में सोचें।
खामोशी इंसान की सच्ची दोस्त होती है, जो कभी उसके रहस्य उजागर नहीं करती।
बुद्धि, करुणा, और साहस, व्यक्ति के लिए तीन सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त नैतिक गुण हैं।
म्रत्यु और जीवन के अपने नियोजन निर्धारित हैं, सम्पति और सम्मान भगवान् पर निर्भर करते हैं।
आप क्या जानते हैं और आप क्या नहीं जानते हैं का पता होना, ही सच्चा ज्ञान है।