पवित्रता या अपवित्रता अपने आप पर निर्भर करती है, कोई भी दूसरे को पवित्र नहीं कर सकता!

पवित्रता या अपवित्रता अपने आप पर निर्भर करती है, कोई भी दूसरे को पवित्र नहीं कर सकता!

Gautama Buddha

सबसे अँधेरी रात अज्ञानता है!

सबसे अँधेरी रात अज्ञानता है!

अगर आप वास्तव में स्वयं से प्रेम करते हैं, तो आप कभी भी किसी को ठेस नहीं पहुंचा सकते!

अगर आप वास्तव में स्वयं से प्रेम करते हैं, तो आप कभी भी किसी को ठेस नहीं पहुंचा सकते!

शांति अन्दर से आती है. इसे बाहर मत ढूंढो!

शांति अन्दर से आती है. इसे बाहर मत ढूंढो!

जो आप सोचते हैं वो आप बन जाते हैं!

जो आप सोचते हैं वो आप बन जाते हैं!

जीवन में आपका उद्देश्य अपना उद्देश्य पता करना है, और उसमे जी-जान से जुट जाना है!

जीवन में आपका उद्देश्य अपना उद्देश्य पता करना है, और उसमे जी-जान से जुट जाना है!

आप केवल वही खोते हैं, जिससे आप चिपक जाते हैं!

आप केवल वही खोते हैं, जिससे आप चिपक जाते हैं!

हम जो सोचते हैं, वो बन जाते हैं!

हम जो सोचते हैं, वो बन जाते हैं!

हर सुबह हम पुनः जन्म लेते हैं, लेकिन हम आज क्या करते हैं यही सबसे अधिक मायने रखता है!

हर सुबह हम पुनः जन्म लेते हैं, लेकिन हम आज क्या करते हैं यही सबसे अधिक मायने रखता है!

जो बुद्धिमानी से जिए हैं उन्हें मृत्यु का भी भय नहीं होना चाहिए!

जो बुद्धिमानी से जिए हैं उन्हें मृत्यु का भी भय नहीं होना चाहिए!

सच्चा प्रेम समझ से उत्पन्न होता है!

सच्चा प्रेम समझ से उत्पन्न होता है!

स्वयं पर विजय प्राप्त करना दूसरों पर विजय प्राप्त करने से बड़ा काम है!

स्वयं पर विजय प्राप्त करना दूसरों पर विजय प्राप्त करने से बड़ा काम है!

जो जगा है उसके लिए रात लम्बी है, जो थका है उसके लिए दूरी लम्बी है, जो मूर्ख सच्चा धर्म नहीं जानता उसके लिए जीवन लम्बा है!

जो जगा है उसके लिए रात लम्बी है, जो थका है उसके लिए दूरी लम्बी है, जो मूर्ख सच्चा धर्म नहीं जानता उसके लिए जीवन लम्बा है!

सबकुछ समझने का अर्थ है सबकुछ माफ़ कर देना!

सबकुछ समझने का अर्थ है सबकुछ माफ़ कर देना!

 धैर्य महत्त्वपूर्ण है, याद रखिये: एक जग बूँद-बूँद करके ही भरता है!

धैर्य महत्त्वपूर्ण है, याद रखिये: एक जग बूँद-बूँद करके ही भरता है!

सभी प्राणियों के लिए दया-भाव रखें, चाहे वो अमीर हो या गरीब; सबकी अपनी-पानी पीड़ा है. कुछ बहुत अधिक भुगतते हैं, कुछ बहुत कम!

सभी प्राणियों के लिए दया-भाव रखें, चाहे वो अमीर हो या गरीब; सबकी अपनी-पानी पीड़ा है. कुछ बहुत अधिक भुगतते हैं, कुछ बहुत कम!

शांति अन्दर से आती है. इसे बाहर मत खोजो!

शांति अन्दर से आती है. इसे बाहर मत खोजो!

एक तेज धार चाकू की तरह जीभ…. बिना खून बहाए मार देती है!

एक तेज धार चाकू की तरह जीभ…. बिना खून बहाए मार देती है!

पानी से सीखो: नदी शोर मचाती है लेकिन महासागरों की गहराई शांत रहती है!

पानी से सीखो: नदी शोर मचाती है लेकिन महासागरों की गहराई शांत रहती है!