अपने धर्म की प्रगति इसी में हैं कि हम अन्य धर्म का भी सम्मान करे!
हर धर्म हमें प्रेम, करुणा और भलाई का पाठ पढाता हैं, अगर हम इसी दिशा में आगे बढे तो कभी किसी के बीच कोई विवाद ही नहीं होगा!
आप सभी मेरे बच्चे के समान हैं. मैं इस दुनिया में और मरने के बाद भी हद से ज्यादा आपका भला और ख़ुशी चाहता हूँ!
वह व्यक्ति जो अपने सम्प्रदाय को ऊँचा दिखाने के लिए दूसरे संप्रदाय का मजाक बनाता है, वह ऐसा करके अपने ही सम्प्रदाय को बहुत नुकसान पहुंचाता है!
हमें अपने माता – पिता का आदर करना चाहिए और अपने से बड़ो का भी, जो जीवित प्राणी है उनके प्रति दया दिखानी चाहिए और हमेशा सच बोलना चाहिए!
अपने धर्म का सम्मान और दुसरो के धर्म की निंदा करना किसी धर्म में नहीं बताया गया हैं!
जितना कठिन संघर्ष करोगे, आपके जीत कि ख़ुशी भी उतनी ही बढ़ जयेगी!
दूसरो के द्वारा बताये गये सिद्धांतो को सुनने के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए!
हमें कई कारणों से अन्य धर्मों का सम्मान करना चाहिए. ऐसा करने से आप अपने धर्म को विकसित करने में मदद करते हैं और दुसरे धर्मों को भी सेवा प्रदान करते है!
एक राजा से ही उसकी प्रजा की पहचान होती हैं!
कोई भी व्यक्ति जो चाहे प्राप्त कर सकता हैं, बस उसे उसकी उचित कीमत चुकानी होगी!
फल राजा वही होता हैं, जिसे पता होता हैं कि जनता को किस चीज की जरूरत हैं!
किसी भी दूसरे सम्प्रदायों की निंदा करना गलत है, असली आस्तिक वही है जो उन सम्प्रदायों में जो कुछ भी अच्छा है उसे सम्मान देता है!
सबसे महान जीत प्रेम की होती है. यह हमेशा के लिए दिल जीत लेती है!
किसी भी व्यक्ति को सिर्फ अपने धर्म का सम्मान और दूसरों के धर्म की निंदा नहीं करनी चाहिए!
जानवरों व अन्य प्राणियों को मारने वालो के लिए किसी भी धर्म में कोई जगह नहीं हैं!
हम आज जो कुछ भी यहाँ कह रहे हैं, वो किसी दल या किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, हम यहाँ राजनीति करने के लिए नहीं हैं, मैं यहाँ किसी सरकार को बचाने के लिए नहीं खड़ा हुआ हूँ, हम स्वराज चाहते हैं, दिल्ली में लोगों का शासन चाहते हैं!