ये केजरीवाल नहीं है जिसने आज शपथ ली है बल्कि ये आम आदमी है, ये आम आदमी की जीत है!
सच्चाई का रास्ता आसान नहीं बल्कि काँटों भरा है और हम आने वाली सभी मुश्किलों का सामना करेंगे!
हम यहाँ सत्ता हथियाने नहीं आये हैं बल्कि शाशन को वापस जनता के हाथों में देने आये हैं . अब , दिल्ली के 1.5 करोड़ लोग सरकार चलाएंगे!
मैं अन्ना से कहा करता था कि अगर हमें सिस्टम को साफ़ करना है तो हमें राजनीति के दल-दल में उतरना पड़ेगा!
अबतक, ईमानदारों को दरकिनार कर दिया जाता था और भ्रष्टाचारियों को इनाम मिलता था, लेकिनअब ये बदलेगा, ईमादारी पुरस्कृत की जायेगी और भ्रष्ट को सजा मिलेगी!
अगर हम ईमानदारी के रास्ते पर चलते है, तो अंतः जीत हमारी ही होगी!
अगर हम साथ आ जाएं तो कुछ भी असम्भव नहीं है!
हम यहाँ वोट बैंक या पॉवर पॉलिटिक्स के लिए नहीं हैं, हम यहाँ देश की राजनीति बदलने के लिए हैं !
हम बड़ी पार्टीयों का गुरूर तोड़ने के लिए पैदा हुए थे, हमें सावधान रहना होगा कि हमे गिराने के लिए किसी और पार्टी को जन्म ना लेना पड़े !
आपके लक्ष्य की पूर्ती स्वर्ग से आये किसी जादू से नहीं हो सकेगी! आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना है ! कार्य करने और कठोर श्रम करने के दिन यही हैं।
अपने हितों की रक्षा के लिए यदि हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो दूसरा कोन होगा? हमे इस समय सोना नहीं चाहिये , हमे अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिये!
मानव प्रकृति ही ऐसी है की हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते! उत्सव प्रिय होना मानव स्वाभाव है ! हमारे त्यौहार होने ही चाहियें।
भारत की गरीबी पूरी तरह से वर्तमान शासन की वजह से है!
हो सकता है ये भगवान की मर्जी हो कि मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे पीड़ा में होने से अधिक लाभ मिले!
भारत का तब तक खून बहाया जा रहा है, जब तक यहाँ सिर्फ कंकाल शेष ना रह जाएं!
यह सत्य है कि बारिश की कमी के कारण अकाल पड़ता है, लेकिन यह भी सत्य है कि हमारे लोगों में इस बुराई से लड़ने की शक्ति नहीं है!
गर्म हवा के झोंकों में जाए बिना, कष्ट उठाये बिना,पैरों मे छाले पड़े बिना स्वतन्त्रता नहीं मिल सकती। बिना कष्ट के कुछ नहीं मिलता!
प्रातः काल में उदय होने के लिए ही सूरज संध्या काल के अंधकार में डूब जाता है और अंधकार में जाए बिना प्रकाश प्राप्त नहीं हो सकता!