चिंगारी आजादी की सुलगती मेरे जिस्म में हैं, इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं, मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है, कुर्बानी का जज्बा जिंदा मेरे कफन में है।
अभी भी जिसका खून ना खौला, वो खून नहीं पानी है। जो देश के काम ना आए, वो बेकार जवानी है।।
में ऐसे धर्म को मानता हु, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता हैं।
दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे।
सफलता आपकी अपने आप से एक लड़ाई है।
हँसते-हँसते फाँसी चढ़कर अपनी जान गवा दी, और बदले में दे दी ये पावन आजादी ।
हर इन्सान को अपने धर्म कि रक्षा करनी चाहिए ।
किसी भी धर्म के लोगों का गोंमांस खाना एक पाप है, और यदि आप हिन्दू है तो ये एक कलंक भी है ।
हमारी आज़ादी के लिए लड़ाई एक चिंगारी है जो भविष्य में विकराल रूप लेगी।
फिर उड़ गई नींद मेरी यह सोचकर, कि जो शहीदों का बहा वो खून मेरी नींद के लिए था !
जब आप अपने देश की रक्षा करते हैं तो धर्म की रक्षा स्वयं ही हो जाती है।
आज तक आपने हमारी वफादारी देखि थी, अब हमारा क्रोध देखिये।
यह आज़ादी की लड़ाई है, ग़ुज़रे हुए कल से आज़ादी, आने वाले कल के लिए।
बन्दूक बड़ी बेवफा माशूका होती है, कब किधर मुँह मोड़ ले, कोई भरोसा नहीं।
मत बोलो, यह सुबह है, और इसे कल के नाम के साथ खारिज मत करो. इसे एक जन्मजात बच्चे की तरह देखो जिसका अभी कोई नाम नहीं है।
फूलों की पंखुड़ियों तोड़ कर, आप फूल की खूबसूरती इकट्ठा नहीं करते, बल्कि उसे नष्ट कर देते हैं।
कट्टरता सच को उन हाथों में सुरक्षित रखने की कोशिश करती है, जो उसे नष्ट करना चाहते हैं!