प्यार कर्तव्य से बेहतर शिक्षक है।

प्यार कर्तव्य से बेहतर शिक्षक है।

Albert Einstein

ईश्वर सूक्ष्म है लेकिन वो द्वेषपूर्ण नहीं है।

ईश्वर सूक्ष्म है लेकिन वो द्वेषपूर्ण नहीं है।

वक्त बहुत कम है अगर हमे कुछ करना है तो अभी से शुरू कर देना चाहिए।

वक्त बहुत कम है अगर हमे कुछ करना है तो अभी से शुरू कर देना चाहिए।

व्यक्तित्व सुनने या देखने से नहीं बनता, मेहनत और काम करने से बनता है।

व्यक्तित्व सुनने या देखने से नहीं बनता, मेहनत और काम करने से बनता है।

हालात मनुष्य से ज्यादा मजबूत होते है।

हालात मनुष्य से ज्यादा मजबूत होते है।

बौद्धिक विकास जन्म से शुरू होना चाहिए और केवल मृत्यु पर ही खत्म होना चाहिए।

बौद्धिक विकास जन्म से शुरू होना चाहिए और केवल मृत्यु पर ही खत्म होना चाहिए।

शिक्षा वो है जो आपको तब भी याद रहे जब आप सब कुछ भूल गए हो जो आपको याद था।

शिक्षा वो है जो आपको तब भी याद रहे जब आप सब कुछ भूल गए हो जो आपको याद था।

मेरे पास कोई विशेष काबिलियत नहीं है, मै तो बस जिज्ञासु हूं।

मेरे पास कोई विशेष काबिलियत नहीं है, मै तो बस जिज्ञासु हूं।

मै स्वर्ग और नर्क में से किसी को भी अच्छा या बुरा नहीं कहता क्योंकि मेरे दोस्त दोनों जगह रहते है।

मै स्वर्ग और नर्क में से किसी को भी अच्छा या बुरा नहीं कहता क्योंकि मेरे दोस्त दोनों जगह रहते है।

कल्पना खोज का सर्वोत्तम रूप है।

कल्पना खोज का सर्वोत्तम रूप है।

सच्चा धर्म ही सच्ची जिंदगी है, अपनी पूरी आत्मा के साथ जीना, सारी अच्छाई और सारी उदारता ही सच्चा धर्म है।

सच्चा धर्म ही सच्ची जिंदगी है, अपनी पूरी आत्मा के साथ जीना, सारी अच्छाई और सारी उदारता ही सच्चा धर्म है।

अगर तथ्य सिद्धांत से नही मिलते है तो तथ्य को बदल डालिये।

अगर तथ्य सिद्धांत से नही मिलते है तो तथ्य को बदल डालिये।

ज्ञान से ज्यादा कल्पना जरूरी है।

ज्ञान से ज्यादा कल्पना जरूरी है।

बदलाव की योग्यता से बुद्धि का पता चलता है।

बदलाव की योग्यता से बुद्धि का पता चलता है।

परेशानी के मध्य ही अवसर छिपा होता है।

परेशानी के मध्य ही अवसर छिपा होता है।

असली जोखिम से ही विश्वास की पहचान होती है।

असली जोखिम से ही विश्वास की पहचान होती है।

एक सफल आदमी बनने की बजाय एक आदर्शवादी आदमी बनो।

एक सफल आदमी बनने की बजाय एक आदर्शवादी आदमी बनो।

अनुभव ज्ञान का एकमात्र स्त्रोत है।

अनुभव ज्ञान का एकमात्र स्त्रोत है।

जो व्यक्ति घमंड से भरे हुए कार्य करते हैं, वो कर्म के आगे नहीं जा पाते हैं।

जो व्यक्ति घमंड से भरे हुए कार्य करते हैं, वो कर्म के आगे नहीं जा पाते हैं।