अच्छे कार्यों का कर्म करते हुए, व्यक्ति सबसे श्रेष्ठ गुरु से मिलता है, जिसके कथन भी सच्चाई से भरे होते हैं।
सत्य का आभास होना ही बाकी सब बातों से उच्च होता है। यह उच्चता ही सत्यता से पूर्ण जीवन है।
इस संसार मे जब आप खुशियो के लिए तरसते हो, तब दुख और दर्द सबसे पहले आगे आते हैं।
सिर्फ उतना ही बोलो जिससे तुम्हें सम्मान प्राप्त हो सके।
जिन्हें प्रेम करना आता है, असल मायने में सिर्फ वे ही ईश्वर को प्राप्त कर पाएँ हैं।
प्रार्थना करो, इसलिए नहीं कि तुम्हें किसी चीज़ की जरूरत है, बल्कि इसलिए कि तुम्हारे पास बहुत कुछ है जिसका शुक्रिया तुम्हें प्रार्थना के जरिये अदा करना चाहिए।
अपनी सारी समस्याएं उसे बताओ, जो कि हर तरह के आराम का स्त्रोत है।
माया के प्रति भावनात्मक जुड़ाव बहुत दुखदायी होता है। यह एक घाटे का सौदा साबित होता है।
मैं निरंतर उसके चरणों पर झुकता हूं, और उससे, मेरे गुरु, मेरे सच्चे गुरु से प्रार्थना करता हूं, और वे मुझे रास्ता दिखाते हैं।
जब मेरा कभी जन्म ही नहीं हुआ, फिर मेरे लिए जन्म क्या है और मृत्यु क्या है?
मैं ना तो कोई बच्चा हूं, ना हो कोई नौजवान और ना ही मैं बहुत प्राचीन हूं, मेरी कोई जाति भी नहीं है।
व्यक्ति कभी उसके होने के कारण को समझ नहीं पाएगा, भले ही वह सदियों तक उसे समझने की कोशिश मे लगा रहे।
ईश्वर के सामने खुशी के गीत गाओ, ईश्वर के नाम पर सजदा करो, और ईश्वर के दासों के दास बन जाओ।
कोई भी मृत्यु को बुरा नहीं कहेगा। हे लोगों, अगर आपको पता हो कि वास्तव मे मरना किसे कहते हैं।
ईश्वर की बुद्धिमत्ता से सब कुछ प्रकाशित हो जाता है।
य़ह संसार एक नाटक है, जो हमारे सपनों मे रचाया गया है।
अपने स्वयं के घर मे शांति से ध्यान मग्न रहो और मृत्यु के दूत कभी तुम्हें छू भी नहीं पाएंगे।
व्यक्ति को सिर्फ वहीं बातें बोलनी चाहिए जिससे उसे सम्मान प्राप्त हो सके।