पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों  के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं.

पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं.

Dr Sarvepalli Radhakrishnan

मौत कभी अंत या बाधा नहीं होती बल्कि यह अधिक से अधिक नए कदमो की शुरुआत होती है।

मौत कभी अंत या बाधा नहीं होती बल्कि यह अधिक से अधिक नए कदमो की शुरुआत होती है।

माना जाता हैं कि धर्म के बिना इंसान एक बिन लगाम के घोड़े की तरह है।

माना जाता हैं कि धर्म के बिना इंसान एक बिन लगाम के घोड़े की तरह है।

शिक्षकों को देश का सर्वश्रेष्ठ दिमाग होना चाहिए।

शिक्षकों को देश का सर्वश्रेष्ठ दिमाग होना चाहिए।

कवि के धर्म में किसी निश्चित सिद्धांत के लिए कोई स्थान नहीं है।

कवि के धर्म में किसी निश्चित सिद्धांत के लिए कोई स्थान नहीं है।

यदि मानव दानव बन जाये तो यह उसकी हार होगी, और यदि मानव महामानव बन जाये तो यह उसका चमत्कार होगा। और यदि मनुष्य मानव बन जाये तो यह उसकी जीत होगी।

यदि मानव दानव बन जाये तो यह उसकी हार होगी, और यदि मानव महामानव बन जाये तो यह उसका चमत्कार होगा। और यदि मनुष्य मानव बन जाये तो यह उसकी जीत होगी।

शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है। अत: विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिए।

शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है। अत: विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिए।

किताबें पढ़ना ज्ञान बढ़ाने के साथ साथ मन में एकाग्रता, एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची ख़ुशी देता है।

किताबें पढ़ना ज्ञान बढ़ाने के साथ साथ मन में एकाग्रता, एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची ख़ुशी देता है।

शिक्षा वह है जो एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति का निर्माण करे। ऐसा शिक्षित व्यक्ति ही ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सकता है।

शिक्षा वह है जो एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति का निर्माण करे। ऐसा शिक्षित व्यक्ति ही ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सकता है।

लोकतंत्र सिर्फ विशेष लोगों के नहीं बल्कि हर एक मनुष्य की आध्यात्मिक संभावनाओं में एक यकीन है।

लोकतंत्र सिर्फ विशेष लोगों के नहीं बल्कि हर एक मनुष्य की आध्यात्मिक संभावनाओं में एक यकीन है।

हमें राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से शांति नहीं मिलती बल्कि शांति मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है।

हमें राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से शांति नहीं मिलती बल्कि शांति मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है।

 दुनिया के सारे संगठन अप्रभावी हो जायेंगे यदि यह सत्य कि प्रेम द्वेष से शक्तिशाली होता है उन्हें प्रेरित नही करता!

दुनिया के सारे संगठन अप्रभावी हो जायेंगे यदि यह सत्य कि प्रेम द्वेष से शक्तिशाली होता है उन्हें प्रेरित नही करता!

तपन और हम दोनों की एक ही विशेषता है कि हमें न ज्यादा पास होना चाहिए और न ही ज्यादा दूर।

तपन और हम दोनों की एक ही विशेषता है कि हमें न ज्यादा पास होना चाहिए और न ही ज्यादा दूर।