अपने जीवन को इतना मत बदलो कि जिसे तुम प्यार करते हो वह भी तुम्हें अपना दुख न बता सके।

अपने जीवन को इतना मत बदलो कि जिसे तुम प्यार करते हो वह भी तुम्हें अपना दुख न बता सके।

Gyanvatsal Swami

तपन और हम दोनों की एक ही विशेषता है कि हमें न ज्यादा पास होना चाहिए और न ही ज्यादा दूर।

तपन और हम दोनों की एक ही विशेषता है कि हमें न ज्यादा पास होना चाहिए और न ही ज्यादा दूर।

एक भरी हुई किताब जो हमेशा बंद रहती है, वह सिर्फ कागज का ढेर है।

एक भरी हुई किताब जो हमेशा बंद रहती है, वह सिर्फ कागज का ढेर है।

किसी भी इंसान के हास्य से उसके गुण और स्वभाव का अंदाजा अक्सर लगाया जा सकता है।

किसी भी इंसान के हास्य से उसके गुण और स्वभाव का अंदाजा अक्सर लगाया जा सकता है।

जब कोई काम करते हुए भीतर का शोर न करे तो उस काम को छोड़ दें, नहीं तो पछताने की बारी आपकी होगी।

जब कोई काम करते हुए भीतर का शोर न करे तो उस काम को छोड़ दें, नहीं तो पछताने की बारी आपकी होगी।

दूसरों को अपनी विफलता का कारण मानने के बजाय स्वयं के दोषों को सुधारने में ही समझदारी है।

दूसरों को अपनी विफलता का कारण मानने के बजाय स्वयं के दोषों को सुधारने में ही समझदारी है।

ऐसे व्यक्ति को समझना आसान नहीं है जो सब कुछ जानता है लेकिन बोलता नहीं है।

ऐसे व्यक्ति को समझना आसान नहीं है जो सब कुछ जानता है लेकिन बोलता नहीं है।

जिद की गांठ ढीली हो जाए तो सारे उलझे हुए रिश्ते सीधे हो जाएंगे।

जिद की गांठ ढीली हो जाए तो सारे उलझे हुए रिश्ते सीधे हो जाएंगे।

कभी भी समय और नियति पर गर्व न करें। परिवर्तन कभी भी हो सकता है।

कभी भी समय और नियति पर गर्व न करें। परिवर्तन कभी भी हो सकता है।

जीवन के लक्ष्य को इतना ऊँचा बनाओ कि जीवन में समय व्यर्थ न बढ़े।

जीवन के लक्ष्य को इतना ऊँचा बनाओ कि जीवन में समय व्यर्थ न बढ़े।

जीवन एक व्यक्ति और उस स्थिति के बीच एक संघर्ष है जो उसे अभिभूत करना चाहता है।

जीवन एक व्यक्ति और उस स्थिति के बीच एक संघर्ष है जो उसे अभिभूत करना चाहता है।

भय की इस दुनिया में, एक ही व्यक्ति जो निडर हो सकता है, वह है जो सभी के लिए करुणा रखता है।

भय की इस दुनिया में, एक ही व्यक्ति जो निडर हो सकता है, वह है जो सभी के लिए करुणा रखता है।

अगर मेहनत के बाद भी सपने पूरे नहीं होते हैं तो रास्ता बदलना कोई सिद्धांत नहीं है, पेड़ भी हमेशा अपने पत्ते बदलता है, जड़ नहीं।

अगर मेहनत के बाद भी सपने पूरे नहीं होते हैं तो रास्ता बदलना कोई सिद्धांत नहीं है, पेड़ भी हमेशा अपने पत्ते बदलता है, जड़ नहीं।

भूख लगने पर खाना स्वाभाविक है, लेकिन भूख लगने पर दूसरों को खिलाना एक संस्कार है।

भूख लगने पर खाना स्वाभाविक है, लेकिन भूख लगने पर दूसरों को खिलाना एक संस्कार है।