किसी को रिटायरमेंट कि जरुरत तब पड़ती है जब उस इन्सान को उस अपने काम से नीरसता आने लगती है।

किसी को रिटायरमेंट कि जरुरत तब पड़ती है जब उस इन्सान को उस अपने काम से नीरसता आने लगती है।

Sadhguru

जो कुछ भी आपके भीतर हो रहा चाहें वह ख़ुशी हो या ग़म हो, किसी तय करना चाहिए, आपको या किसी और को?

जो कुछ भी आपके भीतर हो रहा चाहें वह ख़ुशी हो या ग़म हो, किसी तय करना चाहिए, आपको या किसी और को?

दि आपका आनंद आस-पास की घटनाओं पर निर्भर करता है, तो आपके आनंद होने की संभावना काफ़ी कम है।

दि आपका आनंद आस-पास की घटनाओं पर निर्भर करता है, तो आपके आनंद होने की संभावना काफ़ी कम है।

आपका जीवन 100% वैसा नहीं होगा, जैसा आप चाहते है और ऐसा होना भी नहीं चाहिए।

आपका जीवन 100% वैसा नहीं होगा, जैसा आप चाहते है और ऐसा होना भी नहीं चाहिए।

अगर कोई और तय करता है कि आपके भीतर क्या होगा, तो क्या यह ग़ुलामी नहीं है। यह गुलामी का सबसे बड़ा रूप है।

अगर कोई और तय करता है कि आपके भीतर क्या होगा, तो क्या यह ग़ुलामी नहीं है। यह गुलामी का सबसे बड़ा रूप है।

अगर आपकी समझदारी आपके खिलाफ काम कर रही है तो आपके जीवन में तनाव और दुःख पैदा होगा।

अगर आपकी समझदारी आपके खिलाफ काम कर रही है तो आपके जीवन में तनाव और दुःख पैदा होगा।

मन जब समतल दर्पण कि तरह हो जाय फिर हर चीज को आप उसके असली रूप में देखें पायेंगे।

मन जब समतल दर्पण कि तरह हो जाय फिर हर चीज को आप उसके असली रूप में देखें पायेंगे।

लीडर वह है जो आपको वहां ले कर जाता है, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते है।

लीडर वह है जो आपको वहां ले कर जाता है, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते है।

आप केवल उसी चीज कि इच्छा कर सकते है जिसे आप जानते है और जो संसार में उपलब्ध हो।।

आप केवल उसी चीज कि इच्छा कर सकते है जिसे आप जानते है और जो संसार में उपलब्ध हो।।

हम ख़ुद ही समस्या पैदा करते है और फिर उसका समाधान ढूढ़ते है। लेकिन लोगों को यह सीखना ज़रूरी है कि वे उन समस्या को पैदा ही न करे।

हम ख़ुद ही समस्या पैदा करते है और फिर उसका समाधान ढूढ़ते है। लेकिन लोगों को यह सीखना ज़रूरी है कि वे उन समस्या को पैदा ही न करे।

यह सुपर ह्यूमन के बारे में नहीं है बल्कि यह समझने के बारे में है कि मनुष्य होना ही सुपर है।

यह सुपर ह्यूमन के बारे में नहीं है बल्कि यह समझने के बारे में है कि मनुष्य होना ही सुपर है।

आपकी ख़ुशी, दुःख, पीड़ा और आनन्द आपके भीतर ही पैदा होता है। तो कम से कम ये सब चीजे आपके अनुसार पैदा होने चाहिए।

आपकी ख़ुशी, दुःख, पीड़ा और आनन्द आपके भीतर ही पैदा होता है। तो कम से कम ये सब चीजे आपके अनुसार पैदा होने चाहिए।

आप अपने आप को एक बड़ी हस्ती समझते है लेकिन आप इस धरती पर आप एक बुलबुले की तरह है और एक दिन आप बुलबुले की तरह गायब हो जायेगे।

आप अपने आप को एक बड़ी हस्ती समझते है लेकिन आप इस धरती पर आप एक बुलबुले की तरह है और एक दिन आप बुलबुले की तरह गायब हो जायेगे।

कर्म का मतलब किस्मत के भरोसे रहना नहीं है, कर्म का मतलब है अपने किस्मत का मालिक ख़ुद बनना।

कर्म का मतलब किस्मत के भरोसे रहना नहीं है, कर्म का मतलब है अपने किस्मत का मालिक ख़ुद बनना।

यह ब्रह्माण्ड उनके लिए अपनी दरवाज़े खोलता है जो पर्याप्त ध्यान देते है।

यह ब्रह्माण्ड उनके लिए अपनी दरवाज़े खोलता है जो पर्याप्त ध्यान देते है।

आपका मन एक ऐसा साधन है, जो तभी सबसे अच्छा काम करता है जब इसमें स्पष्टता हो।

आपका मन एक ऐसा साधन है, जो तभी सबसे अच्छा काम करता है जब इसमें स्पष्टता हो।

जिंदगी में अगर कुछ ज्यादा पाना चाहते है तो उम्मीद मत रखिये।

जिंदगी में अगर कुछ ज्यादा पाना चाहते है तो उम्मीद मत रखिये।

लोग हमारे कहने से नही सीखते हैं, वे हमारे काम के उदाहरण से सीखते हैं।

लोग हमारे कहने से नही सीखते हैं, वे हमारे काम के उदाहरण से सीखते हैं।

आगे बढ़ना और बदलाव को स्वीकार करना ज्ञान और परिपक्वता का प्रतीक है।

आगे बढ़ना और बदलाव को स्वीकार करना ज्ञान और परिपक्वता का प्रतीक है।