दुख और विपदा जीवन के दो ऐसे मेहमान हैं, जो बिना निमंत्रण के ही आते हैं।

दुख और विपदा जीवन के दो ऐसे मेहमान हैं, जो बिना निमंत्रण के ही आते हैं।

Ramayana

भगवान मूर्तियों में नहीं है, आपकी अनुभूति ही आपका ईश्वर और आपकी आत्मा ही मंदिर है।

भगवान मूर्तियों में नहीं है, आपकी अनुभूति ही आपका ईश्वर और आपकी आत्मा ही मंदिर है।

अपने घर को छोड़ कर और किसी के घर में रहना किसी भी पीड़ा से ज्यादा कष्टदायी है।

अपने घर को छोड़ कर और किसी के घर में रहना किसी भी पीड़ा से ज्यादा कष्टदायी है।

इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने धीरे चलते हो जब तक कि आप रुक नहीं जाते।

इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने धीरे चलते हो जब तक कि आप रुक नहीं जाते।

कभी भी अपने रहस्यों को किसी और को न बताएं, आपकी यह आदत आपको बर्बाद कर सकती है।

कभी भी अपने रहस्यों को किसी और को न बताएं, आपकी यह आदत आपको बर्बाद कर सकती है।

 जब भी कोई भय आपके नजदीक आए तब आपको उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर देना चाहिए।

जब भी कोई भय आपके नजदीक आए तब आपको उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर देना चाहिए।

अपनी आँखों को हमेशा आसमान की तरफ रखो और अपने पैरो को हमेशा जमीन पर।

अपनी आँखों को हमेशा आसमान की तरफ रखो और अपने पैरो को हमेशा जमीन पर।

नए सपने देखने अथवा नए लक्ष्य बनाने की कोई उम्र नहीं होती।

नए सपने देखने अथवा नए लक्ष्य बनाने की कोई उम्र नहीं होती।

 समस्या अंत की तरफ इशारा नहीं करती बल्कि रास्ता दिखाती है।

समस्या अंत की तरफ इशारा नहीं करती बल्कि रास्ता दिखाती है।

एक रचनात्मक व्यक्ति सफलता की व्याप्ति से प्रेरित होता है न कि किसी दुसरे की हार से।

एक रचनात्मक व्यक्ति सफलता की व्याप्ति से प्रेरित होता है न कि किसी दुसरे की हार से।

प्रियजनों से भी मोहवश अत्यधिक प्रेम करने से यश चला जाता है।

प्रियजनों से भी मोहवश अत्यधिक प्रेम करने से यश चला जाता है।

असत्य के समान पातक पुंज नहीं है। समस्त सत्य कर्मों का आधार सत्य ही है।

असत्य के समान पातक पुंज नहीं है। समस्त सत्य कर्मों का आधार सत्य ही है।

माता-पिता की सेवा और उनकी आज्ञा का पालन जैसा दूसरा धर्म कोई भी नहीं है।

माता-पिता की सेवा और उनकी आज्ञा का पालन जैसा दूसरा धर्म कोई भी नहीं है।

इस दुनिया में दुर्लभ कुछ भी नहीं है, अगर उत्साह का साथ न छोड़ा जाए।

इस दुनिया में दुर्लभ कुछ भी नहीं है, अगर उत्साह का साथ न छोड़ा जाए।

 नीच की नम्रता अत्यंत दुखदायी है, अंकुश, धनुष, सांप और बिल्ली झुककर वार करते हैं।

नीच की नम्रता अत्यंत दुखदायी है, अंकुश, धनुष, सांप और बिल्ली झुककर वार करते हैं।

संसार में ऐसे लोग थोड़े ही होते हैं, जो कठोर किंतु हित की बात कहने वाले होते है।

संसार में ऐसे लोग थोड़े ही होते हैं, जो कठोर किंतु हित की बात कहने वाले होते है।

अच्छे लोगों की संगति में बुरे से बुरा मनुष्य भी सही आचरण करने लगता है।

अच्छे लोगों की संगति में बुरे से बुरा मनुष्य भी सही आचरण करने लगता है।

महत्वाकांक्षा से युक्त मन सदैव रिक्त रहता है।

महत्वाकांक्षा से युक्त मन सदैव रिक्त रहता है।

 ऐसे व्यक्ति विरले हैं, जो विपत्ति का सामना करते समय हताश नहीं होते या भ्रम से आछन्न नहीं होते।

ऐसे व्यक्ति विरले हैं, जो विपत्ति का सामना करते समय हताश नहीं होते या भ्रम से आछन्न नहीं होते।