महत्वाकांक्षा से युक्त मन सदैव रिक्त रहता है।

महत्वाकांक्षा से युक्त मन सदैव रिक्त रहता है।

Ramayana

एक रचनात्मक व्यक्ति सफलता की व्याप्ति से प्रेरित होता है न कि किसी दुसरे की हार से।

एक रचनात्मक व्यक्ति सफलता की व्याप्ति से प्रेरित होता है न कि किसी दुसरे की हार से।

 दुख और विपदा जीवन के दो ऐसे मेहमान हैं, जो बिना निमंत्रण के ही आते हैं।

दुख और विपदा जीवन के दो ऐसे मेहमान हैं, जो बिना निमंत्रण के ही आते हैं।

प्रियजनों से भी मोहवश अत्यधिक प्रेम करने से यश चला जाता है।

प्रियजनों से भी मोहवश अत्यधिक प्रेम करने से यश चला जाता है।

असत्य के समान पातक पुंज नहीं है। समस्त सत्य कर्मों का आधार सत्य ही है।

असत्य के समान पातक पुंज नहीं है। समस्त सत्य कर्मों का आधार सत्य ही है।

माता-पिता की सेवा और उनकी आज्ञा का पालन जैसा दूसरा धर्म कोई भी नहीं है।

माता-पिता की सेवा और उनकी आज्ञा का पालन जैसा दूसरा धर्म कोई भी नहीं है।

इस दुनिया में दुर्लभ कुछ भी नहीं है, अगर उत्साह का साथ न छोड़ा जाए।

इस दुनिया में दुर्लभ कुछ भी नहीं है, अगर उत्साह का साथ न छोड़ा जाए।

 नीच की नम्रता अत्यंत दुखदायी है, अंकुश, धनुष, सांप और बिल्ली झुककर वार करते हैं।

नीच की नम्रता अत्यंत दुखदायी है, अंकुश, धनुष, सांप और बिल्ली झुककर वार करते हैं।

संसार में ऐसे लोग थोड़े ही होते हैं, जो कठोर किंतु हित की बात कहने वाले होते है।

संसार में ऐसे लोग थोड़े ही होते हैं, जो कठोर किंतु हित की बात कहने वाले होते है।

अच्छे लोगों की संगति में बुरे से बुरा मनुष्य भी सही आचरण करने लगता है।

अच्छे लोगों की संगति में बुरे से बुरा मनुष्य भी सही आचरण करने लगता है।

 ऐसे व्यक्ति विरले हैं, जो विपत्ति का सामना करते समय हताश नहीं होते या भ्रम से आछन्न नहीं होते।

ऐसे व्यक्ति विरले हैं, जो विपत्ति का सामना करते समय हताश नहीं होते या भ्रम से आछन्न नहीं होते।

राजा को आदर्श व सच्चरित होना चाहिए क्योंकि वह प्रजापालक कहलाता है।

राजा को आदर्श व सच्चरित होना चाहिए क्योंकि वह प्रजापालक कहलाता है।

सहयोग और समन्वय की सदैव जीत होती है।

सहयोग और समन्वय की सदैव जीत होती है।

 ऐसा विचार करके दुखी न हों कि विधाता का लिखा हुआ नहीं मिट सकता।

ऐसा विचार करके दुखी न हों कि विधाता का लिखा हुआ नहीं मिट सकता।

मित्रता या शत्रुता बराबर वालों से करनी चाहिए।

मित्रता या शत्रुता बराबर वालों से करनी चाहिए।

जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढकर है।

जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढकर है।

जो व्यक्ति हमेशा रोना रोते हैं, उन्हें जीवन में कभी सुख नहीं मिलता।

जो व्यक्ति हमेशा रोना रोते हैं, उन्हें जीवन में कभी सुख नहीं मिलता।

संत दूसरों को दुःख से बचाने के लिए कष्ट सहते हैं। दुष्ट लोग दूसरों को दुःख में डालने के लिए हैं।

संत दूसरों को दुःख से बचाने के लिए कष्ट सहते हैं। दुष्ट लोग दूसरों को दुःख में डालने के लिए हैं।

अपने जीवन का अंत कर देने में कोई अच्छाई नहीं होती, सुख और आनंद का रास्ता जीवन से ही निकलता है।

अपने जीवन का अंत कर देने में कोई अच्छाई नहीं होती, सुख और आनंद का रास्ता जीवन से ही निकलता है।