उदास न होना, कुंठित न होना अथवा मन को टूटने न देना ही सुख और समृद्धि का आधार है।
वचन देने के बाद कभी भी पीछे मुड़कर मत देखिये।
जैसे कमल के पत्तों पर पड़ी पानी की बूँदें पत्तों से नहीं चिपकतीं, उसी प्रकार चरित्रहीन व्यक्तियों से होने वाली मित्रता होती है।
जो अपनों को छोड़कर दुश्मन के बीच चला जाता है, उसी के अपने पुराने साथी दुश्मन को मारने के बाद उसे भी मार डालते हैं !
दुःख हो या सुख, मित्र ही मित्र के काम आता है।
उत्साह में अपार शक्ति होती हैं। उत्साहित व्यक्ति के लिए कुछ भी असम्भव नहीं होता।
अपना जीवन त्याग देना कोई अच्छा फल नहीं देता, जीना जारी रखना आनंद और प्रसन्नता का मार्ग है।
झूठे व्यक्ति से लोग उसी प्रकार डरते हैं जैसे जहरीले साँप से।
जिनके पास धर्म का ज्ञान हैं, वे सभी कहते हैं कि सत्य ही परम धर्म हैं।
धन, सुख, सम्पति व समृद्धि सभी धर्म के मार्ग में ही प्राप्त होते हैं।
किसी भी व्यक्ति की वास्तविक स्थिति का ज्ञान उसके आचरण से होता हैं।
नदी में गिरने से कभी भी किसी की मौत नहीं होती है। मौत तो तब होती है जब उसे तैरना नहीं आता है।
अपनी बातों को हमेशा ध्यानपूर्वक कहे, क्योंकि हम तो कहकर भूल जाते हैं, लेकिन लोग उसे याद रखते हैं।
बच्चों के लिए उस कर्ज को चुकाना मुश्किल है जो उनके माता-पिता ने उन्हें बड़ा करने के लिए किया है।
बोले गए शब्द ही ऐसी चीज हैं, जिसकी वजह से इंसान, या तो दिल में उतर जाता है या फिर दिल से उतर जाता है।
मानव गलती कर सकता हैं। ऐसा कोई भी प्राणी नहीं जिसने कभी कोई गलती न की हो।
धर्म सत्य में ही समाया हुआ हैं और ये संसार सत्य द्वारा ही चल रहा है।
उसकी जाति, रंग या नस्ल जो भी हो, हम एक व्यक्ति के रूप में मनुष्य की गरिमा में और उसके बेहतर, संपूर्ण और समृद्ध जीवन के लिए उसके अधिकार पर विश्वास करते हैं।