झूठे व्यक्ति से लोग उसी प्रकार डरते हैं जैसे जहरीले साँप से।
जिनके पास धर्म का ज्ञान हैं, वे सभी कहते हैं कि सत्य ही परम धर्म हैं।
जो व्यक्ति निरंतर शोक करते रहते हैं, उन्हें जीवन में कभी सुख नहीं मिलता।
धन, सुख, सम्पति व समृद्धि सभी धर्म के मार्ग में ही प्राप्त होते हैं।
किसी भी व्यक्ति की वास्तविक स्थिति का ज्ञान उसके आचरण से होता हैं।
नदी में गिरने से कभी भी किसी की मौत नहीं होती है। मौत तो तब होती है जब उसे तैरना नहीं आता है।
अपनी बातों को हमेशा ध्यानपूर्वक कहे, क्योंकि हम तो कहकर भूल जाते हैं, लेकिन लोग उसे याद रखते हैं।
बच्चों के लिए उस कर्ज को चुकाना मुश्किल है जो उनके माता-पिता ने उन्हें बड़ा करने के लिए किया है।
बोले गए शब्द ही ऐसी चीज हैं, जिसकी वजह से इंसान, या तो दिल में उतर जाता है या फिर दिल से उतर जाता है।
धर्म सत्य में ही समाया हुआ हैं और ये संसार सत्य द्वारा ही चल रहा है।
उसकी जाति, रंग या नस्ल जो भी हो, हम एक व्यक्ति के रूप में मनुष्य की गरिमा में और उसके बेहतर, संपूर्ण और समृद्ध जीवन के लिए उसके अधिकार पर विश्वास करते हैं।
हम उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद के अंत के लिए पूर्ण समर्थन देना अपना नैतिक कर्तव्य समझेंगे, ताकि हर जगह लोग अपने भाग्यनिर्माण के लिए स्वतंत्र हों।
मैं हमेशा अपने मन में दूसरों को ऐसी सलाह देने में असहज महसूस करता रहा हूँ, जिस पर मैं खुद अमल नहीं कर रहा होता।
देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाय गरीबी, बिमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।
मेरी समझ से प्रशासन का मूल विचार यह है कि समाज को एकजुट रखा जाये ताकि वह विकास कर सके और अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ सके।
जो शासन करते हैं, उन्हे देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं। अंततः जनता ही मुखिया होती है।
हमारी ताकत और मजबूती के लिए सबसे जरूरी काम है। लोगों में एकता स्थापित करना।
लोगों को सच्चा लोकतंत्र और स्वराज कभी भी हिंसा और असत्य से प्राप्त नहीं हो सकता।