लोगों को सच्चा लोकतंत्र और स्वराज कभी भी हिंसा और असत्य से प्राप्त नहीं हो सकता।
हर कार्य की अपनी एक गरिमा है और हर कार्य को अपनी पूरी क्षमता से करने में ही संतोष प्राप्त होता है।
दोनों देशों की आम जनता की समस्याएं, आशाएं और आकांक्षाएं एक समान है। उन्हे लड़ाई – झगड़ा और गोला – बारूद नहीं , बल्कि रोटी, कपड़ा और मकान की आवश्यकता है।
देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है।
हम सिर्फ खुद के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं।
आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नहीं है। पूरे देश को मजबूत होना होगा।
यदि कोई व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।
हम न केवल अपने लिए बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास करते हैं।
आजादी का संरक्षण अकेले सैनिकों का काम नहीं है। पूरे देश को मजबूत होना है।
कानून के शासन का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की मूल संरचना को बनाए रखा जा सके और आगे बढ़ाया जा सके।
मैं किसी दूसरे को सलाह दू और मैं खुद उस पर अमल ना करू तो मैं असहज महसूस करता हु।
हमें उन कठिनाइयों पर विजय पानी है जो हमारे सामने आती हैं और हमारे देश की खुशी और समृद्धि के लिए दृढ़ता से काम करना चाहिए।
हम केवल दुनिया में केवल तभी सम्मान पा सकते हैं अगर हम आंतरिक रूप से मजबूत हैं और हमारे देश से गरीबी और बेरोजगारी को खत्म कर दे।
हमें शांति के लिए उतनी ही बहादुरी से लड़ना चाहिए, जितना हम युद्ध में लड़ते हैं।
अनुशासन और एकता ही किसी देश की ताकत होती है।
अपने कार्य में सफल होने के लिए आपको एकाग्रचित्त होकर सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाना होगा।
इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे।
सबके जीवन में दुख आते हैं बस इस दुखों में सबके धैर्य की परीक्षा ली जाती है।