लोग कहते है मेहनत कर के कोई भी काम करो। मै कहता हु कोई भी काम प्रेम से करो और पूरी लगन से करो।

लोग कहते है मेहनत कर के कोई भी काम करो। मै कहता हु कोई भी काम प्रेम से करो और पूरी लगन से करो।

Sadhguru

हमारा सम्पूर्ण विश्व भगवान और शैतानों द्वारा मिलकर बना है।

हमारा सम्पूर्ण विश्व भगवान और शैतानों द्वारा मिलकर बना है।

मुझे लगता है कि मेरा नेतृत्व वैसा ही है जैसा सर्व शक्तिमान चाहते हैं।

मुझे लगता है कि मेरा नेतृत्व वैसा ही है जैसा सर्व शक्तिमान चाहते हैं।

ताकतवर व्यक्ति हमेशा अकेला होता है।

ताकतवर व्यक्ति हमेशा अकेला होता है।

जब व्यवस्था का खात्मा होता है, तब युद्ध शुरू होता है।

जब व्यवस्था का खात्मा होता है, तब युद्ध शुरू होता है।

 ज़िंदगी कभी भी कमज़ोरी को माफ नहीं करती।

ज़िंदगी कभी भी कमज़ोरी को माफ नहीं करती।

जीवन में कुछ भी कीजिए पूर्ण भागीदारी के साथ कीजिये।

जीवन में कुछ भी कीजिए पूर्ण भागीदारी के साथ कीजिये।

आप इस बात से डरते है कि कल मैने जैसे सोचा था, वैसा नहीं हुआ तो क्या होगा।

आप इस बात से डरते है कि कल मैने जैसे सोचा था, वैसा नहीं हुआ तो क्या होगा।

हर कोई चेतन है लेकिन सवाल यह है कि कितना प्रतिशत आप जगे हुए है।

हर कोई चेतन है लेकिन सवाल यह है कि कितना प्रतिशत आप जगे हुए है।

कर्म का मतलब किस्मत के भरोसे रहना नहीं है, कर्म का मतलब है अपने किस्मत का मालिक ख़ुद बनना।

कर्म का मतलब किस्मत के भरोसे रहना नहीं है, कर्म का मतलब है अपने किस्मत का मालिक ख़ुद बनना।

जो होना है उसे कोई रोक नहीं जा सकता इसलिए आप सभी आशंकाओं के तनाव से मुक्त होकर अपना काम करते रहो।

जो होना है उसे कोई रोक नहीं जा सकता इसलिए आप सभी आशंकाओं के तनाव से मुक्त होकर अपना काम करते रहो।

पतिव्रता स्त्री के आंसू धरती पर बेकार नहीं गिरते, वे उनका विनाश करते हैं जिनके कारण वश से वे आंखों से बाहर निकलते हैं।

पतिव्रता स्त्री के आंसू धरती पर बेकार नहीं गिरते, वे उनका विनाश करते हैं जिनके कारण वश से वे आंखों से बाहर निकलते हैं।

जनता सरकार को बनाती है, सरकार जनता को नही।

जनता सरकार को बनाती है, सरकार जनता को नही।

यदि जीवित रहेंगे तो सुख और आनंद की प्राप्ति कभी-ना-कभी अवश्य होगी।

यदि जीवित रहेंगे तो सुख और आनंद की प्राप्ति कभी-ना-कभी अवश्य होगी।

चिंता नहीं चिंतन करो

चिंता नहीं चिंतन करो

वीर व बलवान पुरुष क्रोधित नहीं होते।

वीर व बलवान पुरुष क्रोधित नहीं होते।

भावी पीड़ी को संस्कारी बनाए रखना विकास की सशक्त शृंखला है।

भावी पीड़ी को संस्कारी बनाए रखना विकास की सशक्त शृंखला है।

कठिनाइयों का बलपूर्वक सामना करने की क्षमता

कठिनाइयों का बलपूर्वक सामना करने की क्षमता

मानव वह होता है जो नए पाठ का निर्माण करे।

मानव वह होता है जो नए पाठ का निर्माण करे।