कठिनाइयों का बलपूर्वक सामना करने की क्षमता

कठिनाइयों का बलपूर्वक सामना करने की क्षमता

Tulsidas Ji

कर्म का मतलब किस्मत के भरोसे रहना नहीं है, कर्म का मतलब है अपने किस्मत का मालिक ख़ुद बनना।

कर्म का मतलब किस्मत के भरोसे रहना नहीं है, कर्म का मतलब है अपने किस्मत का मालिक ख़ुद बनना।

लोग कहते है मेहनत कर के कोई भी काम करो। मै कहता हु कोई भी काम प्रेम से करो और पूरी लगन से करो।

लोग कहते है मेहनत कर के कोई भी काम करो। मै कहता हु कोई भी काम प्रेम से करो और पूरी लगन से करो।

जो होना है उसे कोई रोक नहीं जा सकता इसलिए आप सभी आशंकाओं के तनाव से मुक्त होकर अपना काम करते रहो।

जो होना है उसे कोई रोक नहीं जा सकता इसलिए आप सभी आशंकाओं के तनाव से मुक्त होकर अपना काम करते रहो।

पतिव्रता स्त्री के आंसू धरती पर बेकार नहीं गिरते, वे उनका विनाश करते हैं जिनके कारण वश से वे आंखों से बाहर निकलते हैं।

पतिव्रता स्त्री के आंसू धरती पर बेकार नहीं गिरते, वे उनका विनाश करते हैं जिनके कारण वश से वे आंखों से बाहर निकलते हैं।

जनता सरकार को बनाती है, सरकार जनता को नही।

जनता सरकार को बनाती है, सरकार जनता को नही।

यदि जीवित रहेंगे तो सुख और आनंद की प्राप्ति कभी-ना-कभी अवश्य होगी।

यदि जीवित रहेंगे तो सुख और आनंद की प्राप्ति कभी-ना-कभी अवश्य होगी।

चिंता नहीं चिंतन करो

चिंता नहीं चिंतन करो

वीर व बलवान पुरुष क्रोधित नहीं होते।

वीर व बलवान पुरुष क्रोधित नहीं होते।

भावी पीड़ी को संस्कारी बनाए रखना विकास की सशक्त शृंखला है।

भावी पीड़ी को संस्कारी बनाए रखना विकास की सशक्त शृंखला है।

मानव वह होता है जो नए पाठ का निर्माण करे।

मानव वह होता है जो नए पाठ का निर्माण करे।

किसी भी एक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक है।

किसी भी एक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक है।

सफलता का सबसे बड़ा सूत्र है व्यक्ति का अपना पुरुषार्थ।

सफलता का सबसे बड़ा सूत्र है व्यक्ति का अपना पुरुषार्थ।

धर्म का काम किसी का मत बदलना नहीं , बल्कि मन बदलना है।

धर्म का काम किसी का मत बदलना नहीं , बल्कि मन बदलना है।

अत्यधिक लंबे समय की दूरी या ओझलपन से प्रेम व स्नेह में कमी आ जाती है।

अत्यधिक लंबे समय की दूरी या ओझलपन से प्रेम व स्नेह में कमी आ जाती है।

लक्ष्य निश्चित हो, पाव गतिशील हों तो मंजिल कभी दूर नहीं होता।

लक्ष्य निश्चित हो, पाव गतिशील हों तो मंजिल कभी दूर नहीं होता।

धन, सुख, संपत्ति व समृद्धि सभी धर्म के मार्ग में ही प्राप्त होते हैं।

धन, सुख, संपत्ति व समृद्धि सभी धर्म के मार्ग में ही प्राप्त होते हैं।

आग्रह हर समन्वय को कठिन बनाता है, जबकि उदारता उसे सरल।

आग्रह हर समन्वय को कठिन बनाता है, जबकि उदारता उसे सरल।

सम्मान चाहने वाला व्यक्ति मांग नहीं सकता, मांगने वाले का सम्मान नहीं रह सकता।

सम्मान चाहने वाला व्यक्ति मांग नहीं सकता, मांगने वाले का सम्मान नहीं रह सकता।