सब को अपने अपने कर्मों का पता होता ही है, यूंही गंगा किनारे इतनी भीड़ नहीं लगी रहती”
पहचान से मिला काम शायद ज्यादा टिकेगा नहीं, लेकिन काम से मिली पहचान कभी मिटेगी नहीं।
जरूरी नहीं कि हर चीज आपको किताबें और यूनिवर्सिटी में ही पढ़ाया जाएगा । बहुत सी चीजें हैं जो आपकी खाली पेट और खाली जेब सिखाएगी जो आपको कोई टीचर नहीं सिखाएगा।
मैं इतना सुनिश्चित करना चाहता हूँ की, पैसों की किल्लत की वजह से कोई विद्यार्थी मेरे दर से न लौटे।
हम तुम्हे पढ़ा रहे हैं, दम है तो भूल कर दिखाओ “याद कर के नहीं।
इन्सान को हमेशा खुद पर बड़ा निवेश करना चाहिए, जो इस बात की अहमियत समझ गया, उसकी प्रगति को कोई रोक नहीं सकता है।
जिस दिन मेरे इंस्टिट्यूट पर बम गिरे, और फटे नहीं, तो लगा जैसे की “बम” को भी पता है कि एक शिक्षक की इज्जत करनी चाहिए।
जिंदगी जीने के लिए जैसे प्राण वायु अनिवार्य है, वैसे ही एज्युकेशन भी बेहद जरुरी है।
कई बार मुझसे पूछा जाता है कि मुझे डर लगता है क्या ?, अब इन्हें क्या बताऊँ, प्रोफेशन से टीचर हूँ, पर मन से तो एक फौजी ही हूँ।
लड़कियों के चक्कर में पड़ोगे तो बहुत पिटोगे, मुस्कुराना तो लड़कियों की अदा है, और इसको जो प्यार समझा वह तो बिलकुल गधा है
राजा बनने का शौक है तो गुलामों के जैसे मेहनत करनी होगी।
24 घंटे तो सब के पास है, कोई किसी का पति बनने का सपना पालेगा, और कोई महेनत कर के करोड़पति बनने का ख्वाब सजाएगा।
जो पानी से नहायेगा वो अपना लिबाज़ बदलेगा और जो पसीने से नहायेगा वो एक इतिहास बदलेगा।
हमारे यहाँ पढाई और पिटाई जम कर ही होती है, क्यों की आज कोई छात्र बिना ज्ञान लिए लौट गया तो वह 10 लोगों के लिए गलत उदहारण पेश करेगा।
निर्णय लेने से पहले स्वयं द्वारा अभ्यास करना महत्वपूर्ण है, जिंदगी हो या गाड़ी, जीतेगा वही जो समय रहते गियर चैंज कर लेता है।
जो अपने ऊपर खर्च करते है, उसी को लोग भविष्य में गूगल पर सर्च करते हैं
दिल लगाना है तो किताबो से लगाओ बेवफा भी निकलेगी तो मुक्कदर बना कर छोड़ेगी
यह दुःख यह दर्द सब तेरे अंदर है, तू बनाए अपने इस पिंजरे से बाहर निकल, तू अपने आप में एक “सिकंदर” है।