सभ्यता का ध्येय मानवता की सेवा होना चाहिए।

सभ्यता का ध्येय मानवता की सेवा होना चाहिए।

Alfred Nobel

सफलता और बहादुरी नकारात्मकता के बीच जन्मते हैं।

सफलता और बहादुरी नकारात्मकता के बीच जन्मते हैं।

विचारशीलता का बहुमुखी सम्बन्ध संसाधनों के उपयोग से होना चाहिए, न कि उनके अभाव से।

विचारशीलता का बहुमुखी सम्बन्ध संसाधनों के उपयोग से होना चाहिए, न कि उनके अभाव से।

जीवन में वास्तविकता का व्यापारिक महत्व नहीं होना चाहिए, बल्कि उद्देश्यों की प्राप्ति का अनुभव होना चाहिए।

जीवन में वास्तविकता का व्यापारिक महत्व नहीं होना चाहिए, बल्कि उद्देश्यों की प्राप्ति का अनुभव होना चाहिए।

सच्ची प्रगति और विकास व्यापारिक सफलता से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।

सच्ची प्रगति और विकास व्यापारिक सफलता से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।

सभ्यता का लक्ष्य सामरिक बल की प्रतिष्ठा नहीं होनी चाहिए, बल्कि समानता और शांति की प्राप्ति होनी चाहिए।

सभ्यता का लक्ष्य सामरिक बल की प्रतिष्ठा नहीं होनी चाहिए, बल्कि समानता और शांति की प्राप्ति होनी चाहिए।

विजयी व्यक्ति विश्वास का उपयोग करता है, विचारों का प्रभाव डालता है और दूसरों को प्रेरित करता है।

विजयी व्यक्ति विश्वास का उपयोग करता है, विचारों का प्रभाव डालता है और दूसरों को प्रेरित करता है।

धैर्य और संघर्ष में ही महत्वपूर्ण जीवन की प्रगति होती है।

धैर्य और संघर्ष में ही महत्वपूर्ण जीवन की प्रगति होती है।

सबसे बड़ी गलती वह है जब लोग वास्तविकता की ओर आंखें मूड़ लेते हैं।

सबसे बड़ी गलती वह है जब लोग वास्तविकता की ओर आंखें मूड़ लेते हैं।

विजय सिर्फ उनके लिए है जो कोशिश करते हैं, असफलता के बावजूद।

विजय सिर्फ उनके लिए है जो कोशिश करते हैं, असफलता के बावजूद।

विजय के लिए एक अच्छा योजना आवश्यक है, लेकिन बहुत मेहनत और धैर्य भी।

विजय के लिए एक अच्छा योजना आवश्यक है, लेकिन बहुत मेहनत और धैर्य भी।

जब तक मनुष्य अपने विचारों की सेवा में व्यस्त है, तब तक उसे कभी भी अकेलापन महसूस नहीं होगा।

जब तक मनुष्य अपने विचारों की सेवा में व्यस्त है, तब तक उसे कभी भी अकेलापन महसूस नहीं होगा।

सबसे अच्छी उपासना शांति की प्राप्ति होती है।

सबसे अच्छी उपासना शांति की प्राप्ति होती है।

सबसे उच्च ज्ञान मनुष्य को उसके संघर्ष के लिए प्राप्त होता है।

सबसे उच्च ज्ञान मनुष्य को उसके संघर्ष के लिए प्राप्त होता है।

शिक्षा मानवीय सभ्यता का जीवन धन है।

शिक्षा मानवीय सभ्यता का जीवन धन है।

 थकान कभी भी काम के कारण नहीं होती बल्कि चिंता, निराशा, भय, और असंतोष के कारण होती है।

थकान कभी भी काम के कारण नहीं होती बल्कि चिंता, निराशा, भय, और असंतोष के कारण होती है।

बड़ा ज़रूर बनो लेकिन उनके सामने नहीं जिन्होंने तुम्हे बड़ा बनाया।

बड़ा ज़रूर बनो लेकिन उनके सामने नहीं जिन्होंने तुम्हे बड़ा बनाया।

 मनुष्य जीवन सिर्फ दो टाइम खाने के लिए नहीं मिला है, जीवन में कुछ बड़ा करना चाहिए।

मनुष्य जीवन सिर्फ दो टाइम खाने के लिए नहीं मिला है, जीवन में कुछ बड़ा करना चाहिए।

अगर लाइफ में आपको कुछ बड़ा करना है, भीड़ से अलग बनना है तो आपको अपना कम्फर्ट जोन, अपना सेफ जोन छोड़ना ही पड़ेगा।

अगर लाइफ में आपको कुछ बड़ा करना है, भीड़ से अलग बनना है तो आपको अपना कम्फर्ट जोन, अपना सेफ जोन छोड़ना ही पड़ेगा।