मुझे केवल एक कागज़ और लिखने के लिए कुछ चाहिए, और तब मैं दुनिया को उलट सकता हूँ।

मुझे केवल एक कागज़ और लिखने के लिए कुछ चाहिए, और तब मैं दुनिया को उलट सकता हूँ।

Friedrich Nietzsche

महिलाएं भगवान् की दूसरी गलती थी।

महिलाएं भगवान् की दूसरी गलती थी।

एक पुराना भ्रम है। इसे अच्छाई और बुराई कहा जाता है।

एक पुराना भ्रम है। इसे अच्छाई और बुराई कहा जाता है।

इस धरती पर मनुष्य को उसकी नाराजगी के जूनून से अधिक और कुछ भी खोखला नहीं करता है।

इस धरती पर मनुष्य को उसकी नाराजगी के जूनून से अधिक और कुछ भी खोखला नहीं करता है।

एक विचार तब आता है जब उसे आना होता है, ना कि जब मैं चाहता हूँ।

एक विचार तब आता है जब उसे आना होता है, ना कि जब मैं चाहता हूँ।

मैं उस ईश्वर में यकीन नहीं कर सकता जो हमेशा प्रशंसा सुनना चाहता हो।

मैं उस ईश्वर में यकीन नहीं कर सकता जो हमेशा प्रशंसा सुनना चाहता हो।

मौन बदतर है; चुप रहने वाले सभी सच जहरीले हो जाते हैं।

मौन बदतर है; चुप रहने वाले सभी सच जहरीले हो जाते हैं।

 यदि आप रास्ता जानते हैं, तो आप किसी भी तरह से रह सकते हैं।

यदि आप रास्ता जानते हैं, तो आप किसी भी तरह से रह सकते हैं।

दूरदर्शी स्वयं से झूठ बोलता है, झूठा केवल दूसरो से।

दूरदर्शी स्वयं से झूठ बोलता है, झूठा केवल दूसरो से।

वो जिसके पास जीने का कारण है कुछ भी सहन कर सकता है।

वो जिसके पास जीने का कारण है कुछ भी सहन कर सकता है।

वह जो सबसे ऊँचे पहाड़ों पर चढ़ता है सभी दुखों पर हंसता है, सच्चे ये काल्पनिक।

वह जो सबसे ऊँचे पहाड़ों पर चढ़ता है सभी दुखों पर हंसता है, सच्चे ये काल्पनिक।

 कोई तथ्य नहीं हैं, केवल व्याख्याएं हैं।

कोई तथ्य नहीं हैं, केवल व्याख्याएं हैं।

जो प्यार से किया जाता है वह हमेशा अच्छे और बुरे से परे होता है।

जो प्यार से किया जाता है वह हमेशा अच्छे और बुरे से परे होता है।

सच क्या है, सहमत हुआ एक झूठ।

सच क्या है, सहमत हुआ एक झूठ।

 बिना भूले जी पाना बहुत मुश्किल है।

बिना भूले जी पाना बहुत मुश्किल है।

एक विचार, यहां तक कि एक संभावना, हमें चकनाचूर और बदल सकती है।

एक विचार, यहां तक कि एक संभावना, हमें चकनाचूर और बदल सकती है।

दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, वो जो जानना चाहते हैं, और वो जो यकीन करना चाहते हैं।

दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, वो जो जानना चाहते हैं, और वो जो यकीन करना चाहते हैं।

मैं एक चीज हूँ, मेरे लेख एक और चीज हैं।

मैं एक चीज हूँ, मेरे लेख एक और चीज हैं।

 क्या मनुष्य केवल भगवान की गलती है? या भगवान केवल मनुष्य की गलती है?

क्या मनुष्य केवल भगवान की गलती है? या भगवान केवल मनुष्य की गलती है?