भयानक गहराई के बिना कोई सतह सुंदर नहीं लगती हैं।

भयानक गहराई के बिना कोई सतह सुंदर नहीं लगती हैं।

Friedrich Nietzsche

 कोई तथ्य नहीं हैं, केवल व्याख्याएं हैं।

कोई तथ्य नहीं हैं, केवल व्याख्याएं हैं।

जो प्यार से किया जाता है वह हमेशा अच्छे और बुरे से परे होता है।

जो प्यार से किया जाता है वह हमेशा अच्छे और बुरे से परे होता है।

सच क्या है, सहमत हुआ एक झूठ।

सच क्या है, सहमत हुआ एक झूठ।

 बिना भूले जी पाना बहुत मुश्किल है।

बिना भूले जी पाना बहुत मुश्किल है।

एक विचार, यहां तक कि एक संभावना, हमें चकनाचूर और बदल सकती है।

एक विचार, यहां तक कि एक संभावना, हमें चकनाचूर और बदल सकती है।

दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, वो जो जानना चाहते हैं, और वो जो यकीन करना चाहते हैं।

दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, वो जो जानना चाहते हैं, और वो जो यकीन करना चाहते हैं।

मैं एक चीज हूँ, मेरे लेख एक और चीज हैं।

मैं एक चीज हूँ, मेरे लेख एक और चीज हैं।

 क्या मनुष्य केवल भगवान की गलती है? या भगवान केवल मनुष्य की गलती है?

क्या मनुष्य केवल भगवान की गलती है? या भगवान केवल मनुष्य की गलती है?

एक अच्छे लेखक के पास न केवल उसकी आत्मा होती है, बल्कि उसके दोस्तों की भावना भी होती है।

एक अच्छे लेखक के पास न केवल उसकी आत्मा होती है, बल्कि उसके दोस्तों की भावना भी होती है।

भयानक गहराई के बिना कोई सुंदर सतह नहीं हैं।

भयानक गहराई के बिना कोई सुंदर सतह नहीं हैं।

यूरोप के दो महान मादक द्रव्य, शराब और क्रिश्चियनिटी।

यूरोप के दो महान मादक द्रव्य, शराब और क्रिश्चियनिटी।

 सभी महान विचारों की कल्पना चलते समय ही की जाती है।

सभी महान विचारों की कल्पना चलते समय ही की जाती है।

खुद के बारे में ज्यादा बाते करना भी खुद को छुपाने का एक तरीका हो सकता है।

खुद के बारे में ज्यादा बाते करना भी खुद को छुपाने का एक तरीका हो सकता है।

जब हम थक जाते हैं, तो हम उन विचारों से प्रभावित होते हैं जिन्हें हमने बहुत पहले जीत लिया था

जब हम थक जाते हैं, तो हम उन विचारों से प्रभावित होते हैं जिन्हें हमने बहुत पहले जीत लिया था

 प्यार अँधा होता है। दोस्ती अपनी आँखे बंद कर लेती है।

प्यार अँधा होता है। दोस्ती अपनी आँखे बंद कर लेती है।

धारणा असत्य की तुलना में सत्य की अधिक खतरनाक दुश्मन है।

धारणा असत्य की तुलना में सत्य की अधिक खतरनाक दुश्मन है।

जब भी मैं चढ़ता हूँ मेरे पीछे “अहंकार” नाम का एक कुत्ता आ जाता है।

जब भी मैं चढ़ता हूँ मेरे पीछे “अहंकार” नाम का एक कुत्ता आ जाता है।

वो जिसके पास जीने का कारण है कुछ भी सहन कर लेता है।

वो जिसके पास जीने का कारण है कुछ भी सहन कर लेता है।