यह जानना कहीं ज्यादा ज़रूरी है कि किस तरह के व्यक्ति को बीमारी है बजाये इसके कि व्यक्ति को किस तरह की बीमारी है।
जीवन छोटा है, कला लंबी है, अवसर क्षणभंगुर है, अनुभव विश्वासघाती है, निर्णय कठिन है।
दो चीजों की आदत डालो: मदद करने की; या कम से कम कोई नुक्सान ना पहुंचाने की।
शरीर तब बीमार जो जाता है जब आपके खाने और व्यायाम करने में कमी होती है।
फिजिशियन इलाज कर सकता है, लेकिन प्रकृति ही बीमार व्यक्ति को ठीक करती है।
जहाँ कहीं भी चिकित्सा की कला से प्रेम किया जाता है, वहां मानवता के लिए भी प्रेम होता है।
चलना मनुष्य की सर्वोत्तम औषधि है।
जहां चिकित्सा की कला को प्यार किया जाता है, वहां मानवता का प्यार भी होता है।
हमारे अन्दर की प्राकृतिक ताकतें बीमारियों की सच्ची आरोग्यसाधक होती हैं।
स्वस्थ होना समय का मामला है , लेकिन कभी-कभी ये अवसर की भी बात है।
हमारे कार्यों के परिणाम हमेशा इतने जटिल होते हैं, इतने विविध होते हैं, कि भविष्य की भविष्यवाणी करना वास्तव में एक बहुत मुश्किल काम है.
हमें अपनी दुनिया को बदलने के लिए जादू की जरूरत नहीं है। हमें जो भी शक्ति चाहिए वो पहले से ही हमारे अन्दर मौजूद है।
ज़िन्दगी कठिन है, और पेचीदी भी, और ये किसी के भी पूर्ण नियंत्रण के बाहर है, और इस बात को समझने की विनम्रता आपको इसके अन्याय झेलने में सक्षम बनाएगी.
किसी कहानी की तरह ही यह जीवन होता हैं। मायने ये रखता है कि ये कितनी अच्छी हैं, न कि कितनी लंबी।
खुशी मिल सकती है, यहां तक कि घने अंधेरे समय में भी, यदि कोई केवल लाइट को चालू करना याद रखता है।
जो आ रहा है वो आएगा और हमें बस उससे मिलना होगा जब वो आ जाता है.
असफलता का मतलब गैर-ज़रूरी चीजों का दूर चले जाना है।
मेरा मानना है कि यह आपकी नैतिक जिम्मेदारी है कि जब आपको आपकी ज़रुरत से बहुत अधिक दिया गया हो तो आप उसके साथ बुद्धिमानी भरी चीजें करें और उसे बुद्धिमत्ता से दें.