दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी कम प्यारे नहीं होते।

दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी कम प्यारे नहीं होते।

Munshi Premchand

 बल की शिकायतें सब सुनते हैं, निर्बल की फरियाद कोई नहीं सुनता।

बल की शिकायतें सब सुनते हैं, निर्बल की फरियाद कोई नहीं सुनता।

 विचार और व्यवहार में सामंजस्य न होना ही धूर्तता है, मक्कारी है।

विचार और व्यवहार में सामंजस्य न होना ही धूर्तता है, मक्कारी है।

अंधी प्रशंसा अपने पात्र को घमंडी और अंधी भक्ति धूर्त बनाती है!

अंधी प्रशंसा अपने पात्र को घमंडी और अंधी भक्ति धूर्त बनाती है!

 मन एक डरपोक शत्रु है जो हमेशा पीठ के पीछे से वार करता है।

मन एक डरपोक शत्रु है जो हमेशा पीठ के पीछे से वार करता है।

दु:खी हृदय दुखती हुई आँख है, जिसमें हवा से भी पीड़ा होती है।

दु:खी हृदय दुखती हुई आँख है, जिसमें हवा से भी पीड़ा होती है।

आत्मसम्मान की रक्षा हमारा सबसे पहला धर्म और अधिकार है।

आत्मसम्मान की रक्षा हमारा सबसे पहला धर्म और अधिकार है।

निर्धनता प्रकट करना निर्धन होने से अधिक दुखदायी होता है।

निर्धनता प्रकट करना निर्धन होने से अधिक दुखदायी होता है।

 आकाश में उड़ने वाले पंछी को भी अपना घर याद आता है।

आकाश में उड़ने वाले पंछी को भी अपना घर याद आता है।

 अमीरी की कब्र पर उगी गरीबी बड़ी जहरीली होती है।

अमीरी की कब्र पर उगी गरीबी बड़ी जहरीली होती है।

 कार्यकुशल व्यक्ति की सभी जगह जरुरत पड़ती है।

कार्यकुशल व्यक्ति की सभी जगह जरुरत पड़ती है।

वह प्रेम जिसका लक्ष्य मिलन है प्रेम नहीं वासना है।

वह प्रेम जिसका लक्ष्य मिलन है प्रेम नहीं वासना है।

खुश रहने का मतलब है आजाद होना और आजाद होने का मतलब है बहादुर होना। इसलिए युद्ध के खतरों को हल्के में न लें।

खुश रहने का मतलब है आजाद होना और आजाद होने का मतलब है बहादुर होना। इसलिए युद्ध के खतरों को हल्के में न लें।

सिर्फ इसलिए कि आप राजनीति में दिलचस्पी नहीं लेते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि राजनीति आप में दिलचस्पी नहीं लेगी।

सिर्फ इसलिए कि आप राजनीति में दिलचस्पी नहीं लेते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि राजनीति आप में दिलचस्पी नहीं लेगी।

सभी सलाहकारों में सबसे बुद्धिमान, समय की प्रतीक्षा करें।

सभी सलाहकारों में सबसे बुद्धिमान, समय की प्रतीक्षा करें।

किसी भी आपदा का सामना शांत दिमाग के साथ करना ही वक्ति की असल ताकत है।

किसी भी आपदा का सामना शांत दिमाग के साथ करना ही वक्ति की असल ताकत है।

पेड़ों को काटो या उखाड़ो , तो भी वो दोबारा बड़े हो जाते हैं | लेकिन मनुष्य एक बार बर्बाद होने के बाद बेहद मुशिकल से उठ पता है।

पेड़ों को काटो या उखाड़ो , तो भी वो दोबारा बड़े हो जाते हैं | लेकिन मनुष्य एक बार बर्बाद होने के बाद बेहद मुशिकल से उठ पता है।

गरीबी में शर्म नही होने चाहिए।इससे बाहर निकलने के लिए कुछ न करना शर्मनाक है।

गरीबी में शर्म नही होने चाहिए।इससे बाहर निकलने के लिए कुछ न करना शर्मनाक है।

समय ही सबसे अच्छा सलाहकार होता है ।

समय ही सबसे अच्छा सलाहकार होता है ।