अगर मनुष्य के पास आत्मबल है तो वो समस्त संसार पर अपने हौसले से विजय पताका लहरा सकता है।
भले ही हर किसी के हाथ में तलवार हो। लेकिन यह इच्छाशक्ति होती है जो एक सत्ता स्थापित करती है।
जब लक्ष्य जीत का हो तो उसे हासिल करने के लिए कोई भी मूल्य क्यों न हो। उसे चुकाना ही पड़ता है।
जरुरी नहीं कि विपत्ति का सामना दुश्मन के सम्मुख से ही करने में वीरता हो। वीरता तो विजय में है।
नारी के सभी अधिकारों में, सबसे महान अधिकार माँ बनने का है।
आप जहां कहीं भी रहते हैं आपको अपने पूर्वजों का इतिहास जरूर मालूम होना चाहिए।
एक छोटा कदम छोटे लक्ष्य के लिए, बाद में विशाल लक्ष्य भी हासिल करा देता है।
स्त्री के सभी अधिकारों में सबसे महान अधिकार मां बनने का है।
जब हौसले बुलन्द हों तो पहाड़ भी एक मिट्टी का ढेर लगता है।
वीर बहादुर बनकर रहना, वीरों की दुनिया दीवानी इतिहासों में लिख जाती है, बलिदानों की अमर कहानी।
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई हम सभी को बुराई के प्रति डटकर लड़ना सिखाती है, बुराई का सामना करना सिखाती है।
उखाड़ फेंका हर दुश्मन को, जिसने झाँसी का अपमान किया मर्दानी की परिभाषा बन कर, आज़ादी का पैगाम दिया।
जब तक यह दुनिया रहेगी तब तक झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और पराक्रम को नहीं भूल सकेगी।
मातृभूमि के लिए झांसी की रानी ने जान गवाई थी, अरि दल कांप गया रण में, जब लक्ष्मीबाई आई थी।
रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी में जो साहस दिखाया था उसके बाद भले ही वह वीरगति को प्राप्त हुई थी लेकिन हर किसी युवा को वह स्वतंत्रता प्राप्त करने के प्रति जागरूक कर गई थी।
रानी लक्ष्मी बाई लड़ी तो, उम्र तेईस में स्वर्ग सिधारी तन मन धन सब कुछ दे डाला, अंतरमन से कभी ना हारी।
हर औरत के अंदर है झाँसी की रानी, कुछ विचित्र थी उनकी कहानी मातृभूमि के लिए प्राणाहुति देने को ठानी, अंतिम सांस तक लड़ी थी वो मर्दानी।
अपने हौसले की एक कहानी बनाना, हो सके तो खुद को झांसी की रानी बनाना।