यह याद रखना बहुत महत्वपूर्ण है कि दूसरे लोग आपको क्या बताते हैं, इतना नहीं कि आप स्वयं पहले से ही क्या जानते हैं।
महान चीज़े हासिल करने के लिए अच्छी चीज़े छोड़ने में डरो मत।
सफलता का रहस्य सामान्य चीजों को असामान्य रूप से अच्छी तरह से करना है।
मै हमेशा हर एक मुसीबत को सुअवसर में बदलने की कोशिश करता रहता हूँ।
जीवन और संसार में कभी भी रुचि न खोएं। अपने आप को कभी नाराज न होने दें।
महानता की तरफ बढ़ने के लिये अच्छे को छोड़ने से ना डरे।
धन के साथ एकमात्र प्रश्न यह है कि आप इसका क्या करते हैं?
यह मानना बहुत ही गलत है की विशाल संपत्ति वाले लोग हमेशा खुश रहते है।
चरित्र,धन, शक्ति या पद नहीं, सर्वोच्च शब्द है।
मेरे मन में यह धारणा घर कर रही थी कि पैसे को अपना गुलाम होने देना और खुद को पैसे का गुलाम न बनाना अच्छी बात है।
चाइल्ड स्लेवरी के खिलाफ हमारी लड़ाई, पारम्परिक मानसिकता, पालिसी डेफिसिट, जवाबदेही की कमी और दुनिया भर के बच्चों के लिए तत्काल कुछ ना करने के खिलाफ लडाई है।
मैं ऐसी दुनिया का ख्वाब देखता हूँ जहाँ बाल श्रम ना हो, एक ऐसी दुनिया जिसमे हर बच्चा स्कूल जाता हो। एक दुनिया जहाँ हर बच्चे को उसका अधिकार मिले।
दोस्तों, सबसे बड़ा संकट जो आज मानवता के दरवाजे पर दस्तक दे रहा हैम वो है असहिष्णुता।
मैं ये मानने से इनकार करता हूँ कि दुनिया इतनी गरीब है, जबकि सेनाओं पर होने वाला सिर्फ एक हफ्ते का वैश्विक खर्च हमारे सभी बच्चों को क्लासरूम में ला सकता है।
अब गरीब से गरीब व्यक्ति भी महसूस कर रहा है कि शिक्षा वो साधन है जो उन्हें सशक्त बना सकता है।
मैं नोबल कमिटी का शुक्रगुज़ार हूँ जिन्होंने इस आधुनिक दुनिया में पीड़ित लाखों बच्चों की दुर्दशा को समझा।
बाल श्रम का अंत और शिक्षा तक पहुंच एक ही सिक्के के दो पहलुओं की तरह है। एक दूसरे के बिना इन्हें प्राप्त नहीं किया जा सकता।
मैं सकारात्मक हूँ कि मैं अपने जीवनकाल में बाल-श्रम का अंत देख सकता हूँ।