चलिए अन्धकार से प्रकाश की ओर बढें। चलिए मृत्यु से देवत्व की ओर बढें। चलिए हम आगे बढें।

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Kailash Satyarthi

मैं ये मानने से इनकार करता हूँ कि दुनिया इतनी गरीब है, जबकि सेनाओं पर होने वाला सिर्फ एक हफ्ते का वैश्विक खर्च हमारे सभी बच्चों को क्लासरूम में ला सकता है।

मैं ये मानने से इनकार करता हूँ कि दुनिया इतनी गरीब है, जबकि सेनाओं पर होने वाला सिर्फ एक हफ्ते का वैश्विक खर्च हमारे सभी बच्चों को क्लासरूम में ला सकता है।

अब गरीब से गरीब व्यक्ति भी महसूस कर रहा है कि शिक्षा वो साधन है जो उन्हें सशक्त बना सकता है।

अब गरीब से गरीब व्यक्ति भी महसूस कर रहा है कि शिक्षा वो साधन है जो उन्हें सशक्त बना सकता है।

मैं नोबल कमिटी का शुक्रगुज़ार हूँ जिन्होंने इस आधुनिक दुनिया में पीड़ित लाखों बच्चों की दुर्दशा को समझा।

मैं नोबल कमिटी का शुक्रगुज़ार हूँ जिन्होंने इस आधुनिक दुनिया में पीड़ित लाखों बच्चों की दुर्दशा को समझा।

बाल श्रम का अंत और शिक्षा तक पहुंच एक ही सिक्के के दो पहलुओं की तरह है। एक दूसरे के बिना इन्हें प्राप्त नहीं किया जा सकता।

बाल श्रम का अंत और शिक्षा तक पहुंच एक ही सिक्के के दो पहलुओं की तरह है। एक दूसरे के बिना इन्हें प्राप्त नहीं किया जा सकता।

मैं सकारात्मक हूँ कि मैं अपने जीवनकाल में बाल-श्रम का अंत देख सकता हूँ।

मैं सकारात्मक हूँ कि मैं अपने जीवनकाल में बाल-श्रम का अंत देख सकता हूँ।

भारत में सैकड़ों समस्याएं और लाखों समाधान हैं।

भारत में सैकड़ों समस्याएं और लाखों समाधान हैं।

गरीबी, बाल श्रम और अशिक्षा के बीच एक त्रिकोणीय सम्बन्ध है जिनमे कारण और परिणाम का नाता है। हमें इस दुष्चक्र को तोडना होगा।

गरीबी, बाल श्रम और अशिक्षा के बीच एक त्रिकोणीय सम्बन्ध है जिनमे कारण और परिणाम का नाता है। हमें इस दुष्चक्र को तोडना होगा।

अभी नहीं तो कभी नहीं? अगर आप नहीं, तो कौन? यदि हम इन मूलभूत सवालों का जवाब देने में सक्षम हैं, तो शायद हम मानव दासता के धब्बे को मिटा सकते हैं।

अभी नहीं तो कभी नहीं? अगर आप नहीं, तो कौन? यदि हम इन मूलभूत सवालों का जवाब देने में सक्षम हैं, तो शायद हम मानव दासता के धब्बे को मिटा सकते हैं।

आज मैं हर महासागर की हर लहर में, बच्चों को खेलते और नृत्य करते देखता हूं। आज मैं, हर पौधे, पेड़ और पहाड़ में यह देखता हूं कि हमारे बच्चे स्वतंत्रता से बढ़ रहे हैं।

आज मैं हर महासागर की हर लहर में, बच्चों को खेलते और नृत्य करते देखता हूं। आज मैं, हर पौधे, पेड़ और पहाड़ में यह देखता हूं कि हमारे बच्चे स्वतंत्रता से बढ़ रहे हैं।

मैं इस बात को मानने से इंकार करता हूं कि गुलामी की बेड़ियां कभी भी आजादी की तलाश से ज्यादा मजबूत हो सकती हैं।

मैं इस बात को मानने से इंकार करता हूं कि गुलामी की बेड़ियां कभी भी आजादी की तलाश से ज्यादा मजबूत हो सकती हैं।

आर्थिक विकास और मानव विकास साथ-साथ होना चाहिए। मानवीय मूल्यों की वकालत करने की सख्त ज़रूरत है।

आर्थिक विकास और मानव विकास साथ-साथ होना चाहिए। मानवीय मूल्यों की वकालत करने की सख्त ज़रूरत है।

हर एक मिनट मायने रखता है, हर एक बच्चा मायने रखता है, हर एक बचपन मायने रखता है।

हर एक मिनट मायने रखता है, हर एक बच्चा मायने रखता है, हर एक बचपन मायने रखता है।

मेरे लिए, शांति हर बच्चे का एक बुनियादी मानव अधिकार है, यह अपरिहार्य है और परमात्मा है।

मेरे लिए, शांति हर बच्चे का एक बुनियादी मानव अधिकार है, यह अपरिहार्य है और परमात्मा है।

अगर आप इन परिस्थितियों में गुलाम बच्चों द्वारा बनायीं गयी चीजें खरीदते रहेंगे तो आप गुलामी के स्थायीकरण के लिए बराबर के जिम्मेदार होंगे।

अगर आप इन परिस्थितियों में गुलाम बच्चों द्वारा बनायीं गयी चीजें खरीदते रहेंगे तो आप गुलामी के स्थायीकरण के लिए बराबर के जिम्मेदार होंगे।

पिछले कुछ वर्षों के दौरान नॉर्थ ईस्ट इंडिया बाल तस्करी के सबसे बड़े ठिकानों के रूप में उभरा है।

पिछले कुछ वर्षों के दौरान नॉर्थ ईस्ट इंडिया बाल तस्करी के सबसे बड़े ठिकानों के रूप में उभरा है।

बचपन का मतलब है सादगी। इस दुनिया को बच्चों की नज़र से देखो यह बहुत ही ख़ूबसूरत है।

बचपन का मतलब है सादगी। इस दुनिया को बच्चों की नज़र से देखो यह बहुत ही ख़ूबसूरत है।

 बच्चों को ख्वाब देखने से वंचित करने से बढ़कर कोई अपराध नहीं है।

बच्चों को ख्वाब देखने से वंचित करने से बढ़कर कोई अपराध नहीं है।

मेरे लिए, शांति हर बच्चे का एक मौलिक मानवाधिकार है, यह अनिवार्य है और दिव्य है।

मेरे लिए, शांति हर बच्चे का एक मौलिक मानवाधिकार है, यह अनिवार्य है और दिव्य है।