जिस त्याग से अभिमान उत्पन्न होता है, वह त्याग नहीं, त्याग से शांति मिलनी चाहिए, अंतत: अभिमान का त्याग ही सच्चा त्याग है।
सिर्फ धन कम रहने से कोई गरीब नहीं होता, यदि कोई व्यक्ति धनवान है और इसकी इच्छाएं ढेरों हैं तो वही सबसे गरीब है।
यदि आप किसी चीज का सपना देखने का साहस कर सकते हैं तो उसे प्राप्त भी कर सकते हैं।
जो सब की प्रशंसा करता है वह किसी की प्रशंसा नहीं करता।
प्रेरणा कार्य आरम्भ करने में सहायता करती है और आदत कार्य को जारी रखने में सहायता करती है।
ऐसा व्यक्ति जो एक घंटे का समय बर्बाद करता है, उसने जीवन के मूल्य को समझा ही नहीं है।
बुद्धि का पहला लक्षण है काम आरम्भ न करो और अगर शुरू कर दिया है तो उसे पूरा करके ही छोड़ो।
जिस राष्ट्र में चरित्रशीलता नहीं है, उसमें कोई योजना काम नहीं कर सकती।
अभिमान कई तरह के होते हैं, पर मुझे अभिमान नहीं है, ऐसा भास होने जैसा भयानक अभिमान दूसरा नहीं है।
खुदा से डरने वाले को और किसी का क्या डर।
ज्ञानी वह है जो वर्तमान को ठीक प्रकार समझे और परिस्थति के अनुसार आचरण करे।
नई चीज सिखने कि जिसने आशा छोड़ दे, वह बुढा है |
सेवा के लिये पैसे की जरूरत नहीं होती जरूरत है अपना संकुचित जीवन छोड़ने की, गरीबों से एकरूप होने की।
जिसने ज्ञान को आचरण में उतार लिया, उसने ईश्वर को मूर्तिमान कर लिया।
स्वतंत्र वही हो सकता है जो अपना काम अपने आप कर लेता है
केवल अंग्रेज़ी सीखने में जितना श्रम करना पड़ता है उतने श्रम में भारत की सभी भाषाएँ सीखी जा सकती हैं।
पारसियों ने भारत को जो सबसे बड़ा उपहार दिया है, वह आपके अपने अच्छे स्वभाव में है।
ब मार्क्विस ऑफ सैलिसबरी ने होलबोर्न प्रतियोगिता के संबंध में मेरे बारे में एक टिप्पणी की, तो पूरी लिबरल पार्टी - हमारे महान नेता - प्रेस और नेशनल लिबरल क्लब सहित ... ने मेरे प्रति उदार सहानुभूति दिखाई"