जो मैं करता हूं, उन सभी भूमिकाओं के बारे में सावधान रहता हूं.

जो मैं करता हूं, उन सभी भूमिकाओं के बारे में सावधान रहता हूं.

Dr Rajendra Prasad

किसी भी चीज की अति करने से दुख प्राप्त होता है.

किसी भी चीज की अति करने से दुख प्राप्त होता है.

मनुष्य जो कुछ भी करता है, अच्छा या बुरा एक दिन उसके पास वापस आता है. और वह हर चीज के लिए भुगतान करता है.

मनुष्य जो कुछ भी करता है, अच्छा या बुरा एक दिन उसके पास वापस आता है. और वह हर चीज के लिए भुगतान करता है.

गाय की सुरक्षा करना, भारत का शाश्वत धर्म है!

गाय की सुरक्षा करना, भारत का शाश्वत धर्म है!

हर किसी को अपनी उम्र के साथ सीखने के लिए खेलना चाहिए

हर किसी को अपनी उम्र के साथ सीखने के लिए खेलना चाहिए

कोई भी किसी को एक तरह धक्का नहीं दे सकता

कोई भी किसी को एक तरह धक्का नहीं दे सकता

पेड़ो के आसपास चलने वाला अभिनेता कभी आगे नही बढ़ सकता

पेड़ो के आसपास चलने वाला अभिनेता कभी आगे नही बढ़ सकता

किसी की गलत मंशाएं आपको किनारे नहीं लगा सकतीं.

किसी की गलत मंशाएं आपको किनारे नहीं लगा सकतीं.

मैं एक ऐसे पड़ाव पर हूं, जहां खुद की उम्र को बेहद अच्छी तरह समझता हूं.

मैं एक ऐसे पड़ाव पर हूं, जहां खुद की उम्र को बेहद अच्छी तरह समझता हूं.

खुद पर उम्र को कभी हावी नहीं होने देना चाहिए.

खुद पर उम्र को कभी हावी नहीं होने देना चाहिए.

मंजिल को पाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए याद रहे कि मंजिल की ओर बढ़ता रास्ता भी उतना ही नेक हो.

मंजिल को पाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए याद रहे कि मंजिल की ओर बढ़ता रास्ता भी उतना ही नेक हो.

मैं जानता हूं, 10 साल पहले किए गए काम दोबारा उसी शिद्दत नहीं कर पाउंगा.

मैं जानता हूं, 10 साल पहले किए गए काम दोबारा उसी शिद्दत नहीं कर पाउंगा.

आजकल का सिनेमा तड़क-भड़क और भावनाओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करता है.

आजकल का सिनेमा तड़क-भड़क और भावनाओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करता है.

जो बात सिद्धांत में गलत है, वह बात व्यवहार में भी सही नहीं है.

जो बात सिद्धांत में गलत है, वह बात व्यवहार में भी सही नहीं है.

लोकतंत्र को शांति के बिना सुरक्षित और मजबूत नहीं बनाया जा सकता। शांति और लोकतंत्र एक सिक्के के दो पहलू हैं। एक के बिना दूसरा बचा नहीं रह सकता।

लोकतंत्र को शांति के बिना सुरक्षित और मजबूत नहीं बनाया जा सकता। शांति और लोकतंत्र एक सिक्के के दो पहलू हैं। एक के बिना दूसरा बचा नहीं रह सकता।

 केवल वे लोग जिन्हें लोगों पर भरोसा और आत्मविश्वास नहीं है या जो जनता का भरोसा जीतने में असमर्थ हैं, वही हिंसक रास्ते अपनाते हैं।

केवल वे लोग जिन्हें लोगों पर भरोसा और आत्मविश्वास नहीं है या जो जनता का भरोसा जीतने में असमर्थ हैं, वही हिंसक रास्ते अपनाते हैं।

ये (साम्यवाद) इस सवाल का जवाब नहीं देता कि कोई आदमी अच्छा क्यों हो ?

ये (साम्यवाद) इस सवाल का जवाब नहीं देता कि कोई आदमी अच्छा क्यों हो ?

सच्ची राजनीति मानवीय प्रसन्नता को बढ़ावा देने बारे में हैं।

सच्ची राजनीति मानवीय प्रसन्नता को बढ़ावा देने बारे में हैं।

सच्ची राजनीति वही है जो नागरिक को सुख और प्रसन्नता दे।

सच्ची राजनीति वही है जो नागरिक को सुख और प्रसन्नता दे।