जो बात सिद्धांत में गलत है, वह बात व्यवहार में भी सही नहीं है.

जो बात सिद्धांत में गलत है, वह बात व्यवहार में भी सही नहीं है.

Dr Rajendra Prasad

कोई भी किसी को एक तरह धक्का नहीं दे सकता

कोई भी किसी को एक तरह धक्का नहीं दे सकता

पेड़ो के आसपास चलने वाला अभिनेता कभी आगे नही बढ़ सकता

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किसी की गलत मंशाएं आपको किनारे नहीं लगा सकतीं.

किसी की गलत मंशाएं आपको किनारे नहीं लगा सकतीं.

मैं एक ऐसे पड़ाव पर हूं, जहां खुद की उम्र को बेहद अच्छी तरह समझता हूं.

मैं एक ऐसे पड़ाव पर हूं, जहां खुद की उम्र को बेहद अच्छी तरह समझता हूं.

खुद पर उम्र को कभी हावी नहीं होने देना चाहिए.

खुद पर उम्र को कभी हावी नहीं होने देना चाहिए.

जो मैं करता हूं, उन सभी भूमिकाओं के बारे में सावधान रहता हूं.

जो मैं करता हूं, उन सभी भूमिकाओं के बारे में सावधान रहता हूं.

मंजिल को पाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए याद रहे कि मंजिल की ओर बढ़ता रास्ता भी उतना ही नेक हो.

मंजिल को पाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए याद रहे कि मंजिल की ओर बढ़ता रास्ता भी उतना ही नेक हो.

मैं जानता हूं, 10 साल पहले किए गए काम दोबारा उसी शिद्दत नहीं कर पाउंगा.

मैं जानता हूं, 10 साल पहले किए गए काम दोबारा उसी शिद्दत नहीं कर पाउंगा.

आजकल का सिनेमा तड़क-भड़क और भावनाओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करता है.

आजकल का सिनेमा तड़क-भड़क और भावनाओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करता है.

लोकतंत्र को शांति के बिना सुरक्षित और मजबूत नहीं बनाया जा सकता। शांति और लोकतंत्र एक सिक्के के दो पहलू हैं। एक के बिना दूसरा बचा नहीं रह सकता।

लोकतंत्र को शांति के बिना सुरक्षित और मजबूत नहीं बनाया जा सकता। शांति और लोकतंत्र एक सिक्के के दो पहलू हैं। एक के बिना दूसरा बचा नहीं रह सकता।

 केवल वे लोग जिन्हें लोगों पर भरोसा और आत्मविश्वास नहीं है या जो जनता का भरोसा जीतने में असमर्थ हैं, वही हिंसक रास्ते अपनाते हैं।

केवल वे लोग जिन्हें लोगों पर भरोसा और आत्मविश्वास नहीं है या जो जनता का भरोसा जीतने में असमर्थ हैं, वही हिंसक रास्ते अपनाते हैं।

ये (साम्यवाद) इस सवाल का जवाब नहीं देता कि कोई आदमी अच्छा क्यों हो ?

ये (साम्यवाद) इस सवाल का जवाब नहीं देता कि कोई आदमी अच्छा क्यों हो ?

सच्ची राजनीति मानवीय प्रसन्नता को बढ़ावा देने बारे में हैं।

सच्ची राजनीति मानवीय प्रसन्नता को बढ़ावा देने बारे में हैं।

सच्ची राजनीति वही है जो नागरिक को सुख और प्रसन्नता दे।

सच्ची राजनीति वही है जो नागरिक को सुख और प्रसन्नता दे।

सम्पूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है।

सम्पूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है।

मेरी रुचि सत्ता के कब्जे में नहीं, बल्कि लोगों द्वारा सत्ता के नियंत्रण में है।

मेरी रुचि सत्ता के कब्जे में नहीं, बल्कि लोगों द्वारा सत्ता के नियंत्रण में है।

राष्ट्रीय एकता के लिए यह आवश्यक है कि व्यक्ति धार्मिक अन्धविश्वासों से बाहर निकलकर अपने अन्दर एक बौद्धिक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करें।

राष्ट्रीय एकता के लिए यह आवश्यक है कि व्यक्ति धार्मिक अन्धविश्वासों से बाहर निकलकर अपने अन्दर एक बौद्धिक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करें।

क्रांति के बाद, धीरे-धीरे एक नया विशेषाधिकार प्राप्त शासकों एवं शोषकों का वर्ग खड़ा हो जाता है , लोग एक बार फिर जिसके अधीन हो जाते हैं।

क्रांति के बाद, धीरे-धीरे एक नया विशेषाधिकार प्राप्त शासकों एवं शोषकों का वर्ग खड़ा हो जाता है , लोग एक बार फिर जिसके अधीन हो जाते हैं।