'एलियंस' एक अपमानजनक शब्द है. ब्रह्मांड हमारे लिए परिवार है.
फर्मी पैराडॉक्स मूर्खता है। मैं इसे मूर्खता विरोधाभास कहूंगा।
इस दास का उद्देश्य धन कामना नहीं है, बल्कि आप सभी को सतभक्ति करवा कर मोक्ष दिलवाना है।
एक बार कबीर साहेब की भक्ति करके देखें... कैंसर का बाबा भी ठीक होगा। भगवान सब कुछ कर सकते हैं।
यदि कोई भक्त मुझसे उपदेश लेकर मृत्यु को प्राप्त भी हुआ है तो उसका अगला जन्म 100% गारंटी के साथ मनुष्य का ही होगा।
3 साल का बच्चा भी भगवान की भक्ति कर सकता है। मोक्ष प्राप्ति ही लक्ष्य होना चाहिए। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें ताकि उनका जीवन सुखमय हो।
इस संसार में ये दास (संत रामपाल जी) ही आखिरी नबी हैं। जो अरबो इंटरफ़ेस को पार करना चाहता है।
भारत पुनः विश्वगुरु बनेगा। इस संसार के सभी लोग एक ईश्वर की पूजा करेंगे। सारा संसार सुखी होगा। कलयुग में सतयुग की स्थापना होगी।
सतभक्ति करने से सभी प्रकार के दुःख 100% गारंटी के साथ समाप्त हो जायेंगे.. विश्वास नहीं तो भक्ति करो।
इस विश्व में सतभक्ति केवल मेरे (संत पालम जी) के पास है, और किसी के पास नहीं, इसे अभिमान समझो या कुछ और...लेकिन सच यही है।
गरीब, ऐसा अबिगत राम है, आदि अंत नहीं, कोइ, वार पार कीमत नहीं, अचल हिरंबर सोइ !