सब बच्चों के लिए शिक्षा अनिवार्य और नि:शुल्क हो ताकि उनकी योग्यताओं के विकास का उन्हें समुचित अवसर मिल सके.

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Swami Agnivesh

सतभक्ति करने से सभी प्रकार के दुःख 100% गारंटी के साथ समाप्त हो जायेंगे.. विश्वास नहीं तो भक्ति करो।

सतभक्ति करने से सभी प्रकार के दुःख 100% गारंटी के साथ समाप्त हो जायेंगे.. विश्वास नहीं तो भक्ति करो।

इस विश्व में सतभक्ति केवल मेरे (संत पालम जी) के पास है, और किसी के पास नहीं, इसे अभिमान समझो या कुछ और...लेकिन सच यही है।

इस विश्व में सतभक्ति केवल मेरे (संत पालम जी) के पास है, और किसी के पास नहीं, इसे अभिमान समझो या कुछ और...लेकिन सच यही है।

गरीब, ऐसा अबिगत राम है, आदि अंत नहीं, कोइ, वार पार कीमत नहीं, अचल हिरंबर सोइ !

गरीब, ऐसा अबिगत राम है, आदि अंत नहीं, कोइ, वार पार कीमत नहीं, अचल हिरंबर सोइ !

गरीब, चन्द सूर पानी पवन, धरनी धौल अकास पांच तत्त हाजर खड़े, खिजमतिदार खवास |

गरीब, चन्द सूर पानी पवन, धरनी धौल अकास पांच तत्त हाजर खड़े, खिजमतिदार खवास |

इच्छा रूपी खेलन आया, तातैं सुख सागर नहीं पाया।

इच्छा रूपी खेलन आया, तातैं सुख सागर नहीं पाया।

जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे को होय...

जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे को होय...

 शराब, तम्बाकू और नशीले पदार्थ तथा दमन और शोषण को दूर करने के लिए हमें गाँव-गाँव जाकर अलख जगानी होगी.

शराब, तम्बाकू और नशीले पदार्थ तथा दमन और शोषण को दूर करने के लिए हमें गाँव-गाँव जाकर अलख जगानी होगी.

धर्म यदि अधार्मिक कृत्यों को रोकने के लिए आगे नहीं आता तो वह धर्म नहीं बल्कि पाखण्ड ही माना  जाएगा.

धर्म यदि अधार्मिक कृत्यों को रोकने के लिए आगे नहीं आता तो वह धर्म नहीं बल्कि पाखण्ड ही माना जाएगा.

. हम भारतवासी वसुधैव  कुटुम्बकम अर्थात पूरा विश्व एक परिवार है, को मानने वाले हैं.

. हम भारतवासी वसुधैव कुटुम्बकम अर्थात पूरा विश्व एक परिवार है, को मानने वाले हैं.

भारत में ईश्वर की व्याख्या, प्यार, सच्चाई, न्याय एवं दया के रूप में की गई है.

भारत में ईश्वर की व्याख्या, प्यार, सच्चाई, न्याय एवं दया के रूप में की गई है.

 भारत की एकता एवं सदभाव का आधार ईश्वर है, धर्म नहीं.

भारत की एकता एवं सदभाव का आधार ईश्वर है, धर्म नहीं.

अगर हमारे हृदय, प्यार और दया एवं हमारे मस्तिष्क सच्चाई और न्याय की लौ से जगमग नहीं होंगे तो हम अपने  भाइयों  एवं पड़ोसियों को दुश्मन मानने की भूल करेंगे.

अगर हमारे हृदय, प्यार और दया एवं हमारे मस्तिष्क सच्चाई और न्याय की लौ से जगमग नहीं होंगे तो हम अपने भाइयों एवं पड़ोसियों को दुश्मन मानने की भूल करेंगे.

धर्म तो एक प्रेम बंधन है, जो लोगों को जोड़ता है- इसे हिंसा और बदले का हथियार बनाना इसका अपमान है.

धर्म तो एक प्रेम बंधन है, जो लोगों को जोड़ता है- इसे हिंसा और बदले का हथियार बनाना इसका अपमान है.

देश की राजनीति दिशाहीन थी, अब  तो यह नैतिकता विहीन हो गई है.

देश की राजनीति दिशाहीन थी, अब तो यह नैतिकता विहीन हो गई है.

आज हमारे देश में पनप रही अव्यवस्था, अपसंस्कृति, उच्छृंखलता और अवैज्ञानिकता के उन्मूलनार्थ वैदिक पथ पर चलने की जरूरत है.

आज हमारे देश में पनप रही अव्यवस्था, अपसंस्कृति, उच्छृंखलता और अवैज्ञानिकता के उन्मूलनार्थ वैदिक पथ पर चलने की जरूरत है.

आज हमारा देश जातिवाद, साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार, पाखंड, नशाखोरी, शोषण और नारी उत्पीडन में आकण्ठ डूबा हुआ है. समूची, व्यवस्था इतनी लचर और भ्रष्ट हो चुकी है कि संसद, विधान सभाएँ और अदालतें भी अक्षम सिद्ध हो रही हैं.

आज हमारा देश जातिवाद, साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार, पाखंड, नशाखोरी, शोषण और नारी उत्पीडन में आकण्ठ डूबा हुआ है. समूची, व्यवस्था इतनी लचर और भ्रष्ट हो चुकी है कि संसद, विधान सभाएँ और अदालतें भी अक्षम सिद्ध हो रही हैं.

 कानून को अपने हाथों में लेना अराजकता को दावत देना है.

कानून को अपने हाथों में लेना अराजकता को दावत देना है.

युवा बलवान होता है, उर्जावान होता है, तेजस्वी होता है. उसका स्वभाव गतिशील है. उन्हें कुछ कर दिखाने का अवसर मिलना चाहिए.

युवा बलवान होता है, उर्जावान होता है, तेजस्वी होता है. उसका स्वभाव गतिशील है. उन्हें कुछ कर दिखाने का अवसर मिलना चाहिए.