मनुष्य का जन्म हमारे लिए भगवान का सबसे बडा उपहार है।
सुख बाहर से नहीं भीतर से आता है।
प्रत्येक जीव की आत्मा में मेरा परमात्मा विराजमान है।
विचारों में शुद्धीकरण ही मात्र एक नैतिकता है।
उर्जा उत्पन्न करके ही एलर्जी को रोका जा सकता है।
नकारात्मक विचार मानसिक बीमारी का कारण हैं।
साधु वस्त्र से नहीं चरित्र से बनता है।
आयुर्वेद, कला और विज्ञान का मेल है।
सनातन का हो रहा प्रचार देख लो धर्म विरोधियों में मचा हाहाकार देख लो धर्म परिवर्तन कर चुके आदिवासियों की धर्म वापसी करवाने वाले चमत्कारी बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चमत्कार देख लो
हमने मन में ठाना है भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा पर हम सब को एक होना है।
लोगों को यह भ्रम होता है कि उन्होंने अपना गुरु चुना लेकिन गुरु स्वयं अपने अनुभव से अपने शिष्य चुनते हैं।
अभावग्रस्त जीवन जो शिक्षा देता है वह किसी और संस्थान से नहीं पा सकता यह जीवन गरीबी भुखमरी लाचारी आदि का ज्ञान बारीकी से कराता है।
हम एकता की चर्चा करते हैं हम मानववादी हैं हम विश्व बंधुत्व की बात करते हैं समाज का सौहार्द विधर्मी दूसरे देश के प्रति अपनी श्रद्धा रखने वाले बिगाड़ते हैं।
मन में जब तक जिज्ञासा उत्पन्न नहीं होगी उसका समाधान नहीं हो सकता जहां तक विज्ञान की बात है विज्ञान जहां समाप्त होता है वहां से अध्यात्म आरंभ होता है।
धामो में बागेश्वर धाम जहां ना लगता है एक भी दाम अर्जी लगाओ पेशी करो बनेंगे सारे तुम्हारे बिगड़े काम।
मां बाप की सेवा मे जो सुख और आनंद है वह अन्यत्र कहीं नहीं अपने मां-बाप की ईश्वर से अधिक सेवा कीजिए ईश्वर भी इनकी सेवा से प्रसन्न होते हैं।
व्यक्ति पर ईश्वर की कृपा होती है हम आप कोई नहीं होते कि हमें क्या चूनना है हमें क्या अपनाना है हमें ईश्वर अपना राह स्वयं दिखाता है।