संपूर्ण समर्पण ही सच्चा विश्वास है।

संपूर्ण समर्पण ही सच्चा विश्वास है।

Premanand ji Govind Sharan

जीवन में संतोष का अनुभव केवल सत्य में है।

जीवन में संतोष का अनुभव केवल सत्य में है।

जीवन का उद्देश्य आत्मा को जानना और भगवान को पाना है।

जीवन का उद्देश्य आत्मा को जानना और भगवान को पाना है।

सत्य ही जीवन की सबसे बड़ी ताकत है।

सत्य ही जीवन की सबसे बड़ी ताकत है।

सत्य की राह पर चलने वाला कभी हारता नहीं।

सत्य की राह पर चलने वाला कभी हारता नहीं।

जीवन को सत्य और धर्म के मार्ग पर चलाकर सार्थक बनाओ।

जीवन को सत्य और धर्म के मार्ग पर चलाकर सार्थक बनाओ।

भगवान के प्रति समर्पण हृदय को हल्का और आत्मा को ऊर्जावान बनाता है।

भगवान के प्रति समर्पण हृदय को हल्का और आत्मा को ऊर्जावान बनाता है।

जो भगवान को समर्पित होता है, वह सदा सुखी रहता है।

जो भगवान को समर्पित होता है, वह सदा सुखी रहता है।

हर परिस्थिति में भगवान के प्रति समर्पण बनाए रखो।

हर परिस्थिति में भगवान के प्रति समर्पण बनाए रखो।

भगवान का नाम ही तुम्हारे सारे भय मिटा सकता है।

भगवान का नाम ही तुम्हारे सारे भय मिटा सकता है।

जो भगवान पर विश्वास करता है, वह कभी हारता नहीं।

जो भगवान पर विश्वास करता है, वह कभी हारता नहीं।

भगवान पर अटूट विश्वास रखो, वह तुम्हारा कल्याण करेंगे।

भगवान पर अटूट विश्वास रखो, वह तुम्हारा कल्याण करेंगे।

भगवान के चरणों में समर्पण ही भक्ति की शुरुआत है।

भगवान के चरणों में समर्पण ही भक्ति की शुरुआत है।

ध्यान भगवान का साक्षात्कार करने का सर्वोत्तम मार्ग है।

ध्यान भगवान का साक्षात्कार करने का सर्वोत्तम मार्ग है।

जब ध्यान गहरा होता है, तब भगवान का प्रेम भीतर प्रवाहित होता है।

जब ध्यान गहरा होता है, तब भगवान का प्रेम भीतर प्रवाहित होता है।

ध्यान का अभ्यास करते हुए व्यक्ति सांसारिक मोह से मुक्त हो सकता है।

ध्यान का अभ्यास करते हुए व्यक्ति सांसारिक मोह से मुक्त हो सकता है।

ध्यान से ही व्यक्ति अपनी आत्मा की शक्ति को पहचान सकता है।

ध्यान से ही व्यक्ति अपनी आत्मा की शक्ति को पहचान सकता है।

मन को नियंत्रित करना ही सच्चा ध्यान है।

मन को नियंत्रित करना ही सच्चा ध्यान है।

ध्यान से ही आत्मिक शांति प्राप्त होती है।

ध्यान से ही आत्मिक शांति प्राप्त होती है।