ध्यान का अभ्यास करते हुए व्यक्ति सांसारिक मोह से मुक्त हो सकता है।

ध्यान का अभ्यास करते हुए व्यक्ति सांसारिक मोह से मुक्त हो सकता है।

Premanand ji Govind Sharan

जो भगवान को समर्पित होता है, वह सदा सुखी रहता है।

जो भगवान को समर्पित होता है, वह सदा सुखी रहता है।

हर परिस्थिति में भगवान के प्रति समर्पण बनाए रखो।

हर परिस्थिति में भगवान के प्रति समर्पण बनाए रखो।

भगवान का नाम ही तुम्हारे सारे भय मिटा सकता है।

भगवान का नाम ही तुम्हारे सारे भय मिटा सकता है।

संपूर्ण समर्पण ही सच्चा विश्वास है।

संपूर्ण समर्पण ही सच्चा विश्वास है।

जो भगवान पर विश्वास करता है, वह कभी हारता नहीं।

जो भगवान पर विश्वास करता है, वह कभी हारता नहीं।

भगवान पर अटूट विश्वास रखो, वह तुम्हारा कल्याण करेंगे।

भगवान पर अटूट विश्वास रखो, वह तुम्हारा कल्याण करेंगे।

भगवान के चरणों में समर्पण ही भक्ति की शुरुआत है।

भगवान के चरणों में समर्पण ही भक्ति की शुरुआत है।

ध्यान भगवान का साक्षात्कार करने का सर्वोत्तम मार्ग है।

ध्यान भगवान का साक्षात्कार करने का सर्वोत्तम मार्ग है।

जब ध्यान गहरा होता है, तब भगवान का प्रेम भीतर प्रवाहित होता है।

जब ध्यान गहरा होता है, तब भगवान का प्रेम भीतर प्रवाहित होता है।

ध्यान से ही व्यक्ति अपनी आत्मा की शक्ति को पहचान सकता है।

ध्यान से ही व्यक्ति अपनी आत्मा की शक्ति को पहचान सकता है।

मन को नियंत्रित करना ही सच्चा ध्यान है।

मन को नियंत्रित करना ही सच्चा ध्यान है।

ध्यान से ही आत्मिक शांति प्राप्त होती है।

ध्यान से ही आत्मिक शांति प्राप्त होती है।

मन को शांत करने का सबसे बड़ा उपाय ध्यान है।

मन को शांत करने का सबसे बड़ा उपाय ध्यान है।

ध्यान वह माध्यम है, जो आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है।

ध्यान वह माध्यम है, जो आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है।

जो व्यक्ति स्वार्थ छोड़कर सेवा करता है, वही महान बनता है।

जो व्यक्ति स्वार्थ छोड़कर सेवा करता है, वही महान बनता है।

सेवा करने से हृदय में शांति और संतोष मिलता है।

सेवा करने से हृदय में शांति और संतोष मिलता है।

जो दूसरों के लिए जीता है, वही सच्चा भक्त है।

जो दूसरों के लिए जीता है, वही सच्चा भक्त है।

दूसरों की मदद करना ही भगवान को प्रसन्न करना है।

दूसरों की मदद करना ही भगवान को प्रसन्न करना है।