भगवान से प्रेम करना ही जीवन का सबसे बड़ा धन है।

भगवान से प्रेम करना ही जीवन का सबसे बड़ा धन है।

Premanand ji Govind Sharan

निःस्वार्थ सेवा से ही जीवन सफल होता है।

निःस्वार्थ सेवा से ही जीवन सफल होता है।

सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है।

सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है।

संसार में रहो, लेकिन भगवान के प्रेम में लीन रहो।

संसार में रहो, लेकिन भगवान के प्रेम में लीन रहो।

भगवान की भक्ति का आनंद सांसारिक सुखों से परे है।

भगवान की भक्ति का आनंद सांसारिक सुखों से परे है।

जो भगवान का स्मरण करता है, उसे संसार की बाधाएं नहीं रोक सकतीं।

जो भगवान का स्मरण करता है, उसे संसार की बाधाएं नहीं रोक सकतीं।

जब भक्ति हृदय में गहराई तक उतरती है, तब भगवान स्वयं प्रकट होते हैं।

जब भक्ति हृदय में गहराई तक उतरती है, तब भगवान स्वयं प्रकट होते हैं।

भगवान का नाम सच्चे हृदय से लो, वही मुक्ति का मार्ग है।

भगवान का नाम सच्चे हृदय से लो, वही मुक्ति का मार्ग है।

प्रेम वह पुल है, जो भक्त को भगवान से जोड़ता है।

प्रेम वह पुल है, जो भक्त को भगवान से जोड़ता है।

सच्ची भक्ति वही है, जो निस्वार्थ और निष्कपट हो।

सच्ची भक्ति वही है, जो निस्वार्थ और निष्कपट हो।