भीगा देती है निगाहें रातों में तकिये को, अब इसके सिवा मुझसे लिपटता ही कौन है !  - Broken Heart Shayari

भीगा देती है निगाहें रातों में तकिये को, अब इसके सिवा मुझसे लिपटता ही कौन है !

Broken Heart Shayari