रिश्ते टूट कर चूर चूर हो गए , धीरे धीरे वो हमसे दूर हो गए हमारी ख़ामोशी हमारे लिए गुन्हा बन गयी , और वो गुन्हा कर बेकसूर हो गए । - Dhoka Shayari

रिश्ते टूट कर चूर चूर हो गए , धीरे धीरे वो हमसे दूर हो गए हमारी ख़ामोशी हमारे लिए गुन्हा बन गयी , और वो गुन्हा कर बेकसूर हो गए ।

Dhoka Shayari