चलते तो हैं वो साथ मेरे पर अंदाज देखिए, जैसे की इश्क करके वो एहसान कर रहें है।

चलते तो हैं वो साथ मेरे पर अंदाज देखिए, जैसे की इश्क करके वो एहसान कर रहें है।

Ishq Shayari

क़र्ज़ चढ़ गया है अब तुम पर मेरे प्यार का , तो सवाल ही नहीं उठता तुम्हारे इंकार का।

क़र्ज़ चढ़ गया है अब तुम पर मेरे प्यार का , तो सवाल ही नहीं उठता तुम्हारे इंकार का।

तकिये के नीचे दबा के रखे हैँ तुम्हारे ख्याल, एक तेरा अक्स, एक तेरा इश्क़ , ढेरो सवाल और तेरा इंतज़ार।

तकिये के नीचे दबा के रखे हैँ तुम्हारे ख्याल, एक तेरा अक्स, एक तेरा इश्क़ , ढेरो सवाल और तेरा इंतज़ार।

इतनी गहराइयो में जा पहुचा है इश्क़ मेरा देखना पैमाना भी छोटा पड जाएगा तेरा।

इतनी गहराइयो में जा पहुचा है इश्क़ मेरा देखना पैमाना भी छोटा पड जाएगा तेरा।

जूनून-ए-इश्क, नहीं रास आया हमें, जब भी देखा आइना, अक्स उनका ही नजर आया हमें।

जूनून-ए-इश्क, नहीं रास आया हमें, जब भी देखा आइना, अक्स उनका ही नजर आया हमें।

लगता है इश्क़ अपने  उसूलों पे कायम ही रहेगा , ये कल भी तकलीफ देता था और आगे भी तकलीफ देगा।

लगता है इश्क़ अपने उसूलों पे कायम ही रहेगा , ये कल भी तकलीफ देता था और आगे भी तकलीफ देगा।

राह यूँ ही नामुक्क्मल, ग़म-ए-इश्क का फ़साना, मुझ को नींद नहीं आयी, सो गया ज़माना।

राह यूँ ही नामुक्क्मल, ग़म-ए-इश्क का फ़साना, मुझ को नींद नहीं आयी, सो गया ज़माना।

जितना तुम्हारा दीदार होता है , मुझे तुमसे इश्क़ उतनी बार होता है।

जितना तुम्हारा दीदार होता है , मुझे तुमसे इश्क़ उतनी बार होता है।

बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर, ये कल भी तकलीफ देता था और ये आज भी तकलीफ देता है।

बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर, ये कल भी तकलीफ देता था और ये आज भी तकलीफ देता है।

हर वक़्त फ़िराक में रहता है , ये मेरा इश्क़ तुमसे मिलने को कहता है।

हर वक़्त फ़िराक में रहता है , ये मेरा इश्क़ तुमसे मिलने को कहता है।

इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है , कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है।

इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है , कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है।

राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की , मेरे खत तुम सरेआम जलाया ना करो।

राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की , मेरे खत तुम सरेआम जलाया ना करो।

घुटन सी होने लगी है, इश्क़ जताते हुए, मैं खुद से रूठ जाता हूँ, तुम्हे मनाते हुए।

घुटन सी होने लगी है, इश्क़ जताते हुए, मैं खुद से रूठ जाता हूँ, तुम्हे मनाते हुए।

चलते थे इस जहाँ में कभी... सीना तान के हम, ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए हम।

चलते थे इस जहाँ में कभी... सीना तान के हम, ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए हम।

चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे, जब मेरे एहसासों के साथ-साथ उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे।

चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे, जब मेरे एहसासों के साथ-साथ उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे।

आना तुम्हारा बहार ले आता है , मेरा मन तब मेरा ही ना रह पाता है।

आना तुम्हारा बहार ले आता है , मेरा मन तब मेरा ही ना रह पाता है।

महफिलों में भी वो और तन्हाइयों में भी वो रहा करती है , क्या इश्क़ की हर घडी में ऐसे ही मोहब्बत रहा करती है।

महफिलों में भी वो और तन्हाइयों में भी वो रहा करती है , क्या इश्क़ की हर घडी में ऐसे ही मोहब्बत रहा करती है।

थोड़ी जल्दी आया करो मिलने के लिए , हमारा दिल नहीं बना तुमसे दूर रहने के लिए।

थोड़ी जल्दी आया करो मिलने के लिए , हमारा दिल नहीं बना तुमसे दूर रहने के लिए।

हाथों की लकीर, किस्मत और नसीब, जवानी में ऐसी बातें लगती है अजीब, कर्म करके तू लिख दे अपना नसीब, दुनिया भी कहे इंसान था वो अजीब।

हाथों की लकीर, किस्मत और नसीब, जवानी में ऐसी बातें लगती है अजीब, कर्म करके तू लिख दे अपना नसीब, दुनिया भी कहे इंसान था वो अजीब।