आना तुम्हारा बहार ले आता है , मेरा मन तब मेरा ही ना रह पाता है।

आना तुम्हारा बहार ले आता है , मेरा मन तब मेरा ही ना रह पाता है।

Ishq Shayari

जितना तुम्हारा दीदार होता है , मुझे तुमसे इश्क़ उतनी बार होता है।

जितना तुम्हारा दीदार होता है , मुझे तुमसे इश्क़ उतनी बार होता है।

बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर, ये कल भी तकलीफ देता था और ये आज भी तकलीफ देता है।

बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर, ये कल भी तकलीफ देता था और ये आज भी तकलीफ देता है।

हर वक़्त फ़िराक में रहता है , ये मेरा इश्क़ तुमसे मिलने को कहता है।

हर वक़्त फ़िराक में रहता है , ये मेरा इश्क़ तुमसे मिलने को कहता है।

चलते तो हैं वो साथ मेरे पर अंदाज देखिए, जैसे की इश्क करके वो एहसान कर रहें है।

चलते तो हैं वो साथ मेरे पर अंदाज देखिए, जैसे की इश्क करके वो एहसान कर रहें है।

इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है , कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है।

इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है , कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है।

राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की , मेरे खत तुम सरेआम जलाया ना करो।

राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की , मेरे खत तुम सरेआम जलाया ना करो।

घुटन सी होने लगी है, इश्क़ जताते हुए, मैं खुद से रूठ जाता हूँ, तुम्हे मनाते हुए।

घुटन सी होने लगी है, इश्क़ जताते हुए, मैं खुद से रूठ जाता हूँ, तुम्हे मनाते हुए।

चलते थे इस जहाँ में कभी... सीना तान के हम, ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए हम।

चलते थे इस जहाँ में कभी... सीना तान के हम, ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए हम।

चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे, जब मेरे एहसासों के साथ-साथ उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे।

चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे, जब मेरे एहसासों के साथ-साथ उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे।

महफिलों में भी वो और तन्हाइयों में भी वो रहा करती है , क्या इश्क़ की हर घडी में ऐसे ही मोहब्बत रहा करती है।

महफिलों में भी वो और तन्हाइयों में भी वो रहा करती है , क्या इश्क़ की हर घडी में ऐसे ही मोहब्बत रहा करती है।

थोड़ी जल्दी आया करो मिलने के लिए , हमारा दिल नहीं बना तुमसे दूर रहने के लिए।

थोड़ी जल्दी आया करो मिलने के लिए , हमारा दिल नहीं बना तुमसे दूर रहने के लिए।

हाथों की लकीर, किस्मत और नसीब, जवानी में ऐसी बातें लगती है अजीब, कर्म करके तू लिख दे अपना नसीब, दुनिया भी कहे इंसान था वो अजीब।

हाथों की लकीर, किस्मत और नसीब, जवानी में ऐसी बातें लगती है अजीब, कर्म करके तू लिख दे अपना नसीब, दुनिया भी कहे इंसान था वो अजीब।

मंजूर है मुझे हर शर्त वो तेरी, मैं किस्मत में नहीं, खुद पर यकीं रखती हूं।

मंजूर है मुझे हर शर्त वो तेरी, मैं किस्मत में नहीं, खुद पर यकीं रखती हूं।

कुम्भकरण की तरह जब किस्मत सोती है, तभी इंसान से जमकर मेहनत सोती है।

कुम्भकरण की तरह जब किस्मत सोती है, तभी इंसान से जमकर मेहनत सोती है।

मेरी क़िस्मत की लड़ाई में खुद लड़ूंगा, चाहें वो मिले ना मिले, मेरी ज़िन्दगी है मैं खुद जियूंगा।

मेरी क़िस्मत की लड़ाई में खुद लड़ूंगा, चाहें वो मिले ना मिले, मेरी ज़िन्दगी है मैं खुद जियूंगा।

किसी राह पे मिल जाओ मुसाफ़िर बन के, क्या पता अपनी किस्मत में हमसफ़र भी लिखा हो।

किसी राह पे मिल जाओ मुसाफ़िर बन के, क्या पता अपनी किस्मत में हमसफ़र भी लिखा हो।

अब किस्मत पर कैसा भरोसा जनाब, जब जान से प्यारे लोग बदल गए, तो किस्मत भी एक दिन बदल जाएगी।

अब किस्मत पर कैसा भरोसा जनाब, जब जान से प्यारे लोग बदल गए, तो किस्मत भी एक दिन बदल जाएगी।

हैरान हो जाएंगे देखकर दुनिया वाले मेरी बरक़त को, कुछ इस कदर बदल देंगे हम अपनी किस्मत को।

हैरान हो जाएंगे देखकर दुनिया वाले मेरी बरक़त को, कुछ इस कदर बदल देंगे हम अपनी किस्मत को।