बेईमान दोस्तों की बस्ती में इस कदर बदनसीब था प्यास लगी थी जोर की पर समंदर वहां से दूर था ! - Dhokebaaz Dost Shayari

बेईमान दोस्तों की बस्ती में इस कदर बदनसीब था प्यास लगी थी जोर की पर समंदर वहां से दूर था !

Dhokebaaz Dost Shayari