कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई आओं कहीं शराब पियें रात हो गई! - Sharab Shayari

कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई आओं कहीं शराब पियें रात हो गई!

Sharab Shayari